बिना स्टैंड व पंजीकरण के दौड़ रहे ई-रिक्शा
महराजगंज: ई-रिक्शा चलाने की मंशा यह थी कि गरीब रिक्शा चालक सस्ता वाहन लेकर आराम से जीविका चला सकेंगे। प्रयास सफल भी रहा, लेकिन अब इसके दुष्परिणाम भी उभर कर सामने आने लगे हैं। स्थिति यह है कि अब बिना पंजीयन के ही इनका संचालन हो रहा है। 268 रजिस्टर्ड हैं तो करीब 800 से अधिक ई-रिक्शा बिना रजिस्ट्रेशन के ही संचालित हो रहे हैं। बिना स्टैंड के यह यहां पर मनमाने ढंग से संचालित हो रहे हैं, हाईवे हो या गली हर जगह पर इनकी मनमानी जारी है। अधिक सवारियां बैठाने के चलते कई बार हादसे भी हो चुके हैं। इसके बाद भी न तो इन पर लगाम लग सकी है और न ही कोई कार्रवाई हुई।
ई-रिक्शा के लिए तय है कि वह शहर क्षेत्र के अंदर ही रहेंगे। एआरटीओ विभाग की ओर से इसके लिए मौखिक आदेश जारी है। इसके बाद भी ई-रिक्शा फरेंदा राष्ट्रीय राजमार्ग, गोरखपुर रोड, निचलौल रोड के अलावा जिले के विभिन्न रूटों पर सवारियां लेकर चल रहे हैं। ऐसे में परमिट बनवाकर चलने वाले वाहनों से आए दिन विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। रफ्तार को लेकर यह तय है कि ई-रिक्शा लगभग 25 किमी की रफ्तार से चलेंगे, लेकिन हाईवे पर इनके चालक मनमानी रफ्तार बढ़ा देते हैं। वहां 40 किमी प्रति घंटे से भी अधिक तेज चलते देखे जा सकते हैं।
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मनमानी बैठाते सवारी
फरेंदा के राष्ट्रीय राजमार्ग हाईवे पर महराजगंज से फरेंदा तक, महराजगंज से सिंदुरिया, महराजगंज से शिकारपुर तक सवारियों को लाने ले जाने के लिए टेंपो के साथ ई-रिक्शा भी चल रहे हैं। एक-एक ई-रिक्शा में कम से कम छह से आठ सवारियों को बैठा कर सफर कराया जा रहा है। शहर के अलावा सिंदुरिया, शिकारपुर, घुघली, आनंदनगर, पकड़ी जाने के लिए ई-रिक्शा धड़ल्ले से संचालित हैं।
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ई-रिक्शा के संचालन के लिए चालकों को बताया गया है कि वह शहर क्षेत्र में ही संचालन करें। इसके अलावा गैर पंजीकृत ई-रिक्शा के विरुद्ध भी अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
जेपी यादव, यातायात निरीक्षक महराजगंज