विवेचना में झूठी निकली दुष्कर्म की कहानी
दुष्कर्म के मामलों में भले ही पुलिस गंभीर हो लेकिन विवेचना में दुष्कर्म के अधिकांश आरोप नहीं टिक रहे हैं। पुलिस विवेचना में 50 फीसद से अधिक कहानी झूठी निकल रही है। साक्ष्य जुटाने में भी पुलिस के पसीने छूट जा रहे हैं।
महराजगंज: दुष्कर्म के मामलों में भले ही पुलिस गंभीर हो ,लेकिन विवेचना में दुष्कर्म के अधिकांश आरोप नहीं टिक रहे हैं। पुलिस विवेचना में 50 फीसद से अधिक कहानी झूठी निकल रही है। साक्ष्य जुटाने में भी पुलिस के पसीने छूट जा रहे हैं। वर्ष 2018 में महराजगंज पुलिस ने विभिन्न थानाक्षेत्रों में 175बलात्कार के मुकदमे दर्ज किए गए। सोनौली और सोहगीबरवा महिला अपराध के लिए सबसे सुरक्षित थाने रहे। यहां पर एक भी दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। कोतवाली में सर्वाधिक 34 केस दर्ज हुए। दुष्कर्म के मुकदमों की विवेचना के दौरान पुलिस ने साक्ष्य जुटाना शुरू किया। इन मामलों में अधिकांश महिलाओं ने व्यक्तिगत दुश्मनी साधने के लिए गंभीर आरोप में मुकदमा दर्ज किया। जांच में पीड़ित महिलाएं साक्ष्य नहीं दे पाई। कुछ के मेडिकल रिपोर्ट में झोल मिला। कहीं आरोपित की लोकेशन दूसरी जगह पर मिली। सोहगीबरवा व सोनौली को छोड़ दिया जाए तो 15 थानों में कुल 175बलात्कार के मुकदमे दर्ज हुए। 21 मुकदमों को झूठा पाकर खारिज कर दिया। जबकि 68 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई। 85 मामलों में ही आरोप सही मिला। इन मुकदमों में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। एक मामला अब भी लंबित है। आंकड़े इस बात की ओर गवाही दे रहे हैं कि महिला अपराध की कहानी पुलिस विवेचना में झूठी निकल जा रही है। सदर कोतवाली में 34, कोठीभार 30,घुघली में 24, पनियरा में 17, फरेंदा में 14, श्यामदेउरवा में 13, पुरंदरपुर में आठ, बृजमनगंज में छह, कोल्हुई में चार, नौतनवा में सात, निचलौल में पांच, बरगदवा, चौक व ठूठीबारी में चार-चार व परसामलिक में एक मुकदमा दर्ज हुआ। एसपी रोहित सिंह सजवान ने कहा कि विवेचना में 50 फीसद मुकदमे सही नहीं मिले। महिला के आरोप लगाने पर मुकदमे दर्ज हुआ। जो मामले सही मिलने उनमें आरोप पत्र कोर्ट में पेश कर दिया गया।