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मुआवजे के पेंच में फंसा इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का निर्माण

भारत-नेपाल सीमा पर बनने वाले इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का मामला प्रशासनिक सुस्ती से ठंडा पड़ गया है। एक तरफ मुआवजे की रकम कम होने से किसान अपनी भूमि को किसी भी हाल में देने को तैयार नहीं हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 12:04 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 06:17 AM (IST)
मुआवजे के पेंच में फंसा इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का निर्माण
मुआवजे के पेंच में फंसा इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का निर्माण

महराजगंज: भारत-नेपाल सीमा पर बनने वाले इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का मामला प्रशासनिक सुस्ती से ठंडा पड़ गया है। एक तरफ मुआवजे की रकम कम होने से किसान अपनी भूमि को किसी भी हाल में देने को तैयार नहीं हैं। तो दूसरी तरफ प्रशासनिक कवायद धरातल पर नहीं उतर पा रही है। ऐसे में तराई के इस जनपद के ड्रीम प्रोजेक्ट 'इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट' का मामला खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। भारत-नेपाल सीमा पर इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट बनाने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2004 पूर्व सीमावर्ती गांव जुगौली, सुकरौली एवं केवटलिया के 144 किसानों के 47.774 हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कराए थे। 90 फीसद किसानों ने सहमति भी दे दी थी। उस समय भूमि का मुआवजा एक करोड़ 10 लाख प्रति हेक्टेयर प्रस्तावित था। बाद में 84 लाख प्रति हेक्टेयर कर दिया गया। इसी बात से किसान असंतुष्ट हो गए और अपनी भूमि इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट में देने से इंकार कर दिया और मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया।

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इनसेट....

इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट में इन विभागों के खुलेंगे कार्यालय

भारत-नेपाल सीमा पर बनने वाले इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट में इमिग्रेशन विभाग, एसएसबी, पुलिस, कस्टम, खुफिया एजेंसियों, एलआईयू एवं मिलिट्री इंटेलिजेंस के कार्यालय खुलेंगे। एक ही स्थान पर कई विभागों के कार्यालय खुलने से भारतीय सुरक्षा तंत्र मजबूत होंगे।

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चेकपोस्ट में इन किसानों की पड़ रही भूमि

केंद्र सरकार द्वारा भारत-नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में बनने वाले प्रस्तावित इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट में ताहिर अली, जगदीप सिंह, अनूप कुमार सिंह, विनोद जायसवाल, मदन मद्धेशिया, रहमान, अब्दुल वफा, रामआसरे, रामजीत प्रसाद, शिवशंकर, प्रमोद, मदन, रहीस, कनक बिहारी सिंह, परशुराम सिंह, मोहम्मद ताहिर, अमित कुमार सिंह, अनुज कुमार सिंह व राजेंद्र मद्धेशिया सहित 144 किसानों की भूमि पड़ रही है।

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प्रस्तावित भूमि पर इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट बनना है। इसके लिए किसानों के साथ बैठक की गई, लेकिन किसान निर्धारित मूल्य पर भूमि देने को तैयार नहीं हैं। उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

- कुंज बिहारी अग्रवाल, एडीएम


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