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सरकारी मूल्य से आधे दाम पर धान बेचने की मजबूरी

सरकारी दर करीब 1850 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि आढ़तिए किसानों का धान नकद के रूप में 900 रुपये और उधार के रूप में 1100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से दे रहे हैं। बावजूद इसके तत्काल जरूरत पूरा करने के लिए किसान उनके पास पहुंच रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 06:02 PM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 06:02 PM (IST)
सरकारी मूल्य से आधे दाम पर धान बेचने की मजबूरी
सरकारी मूल्य से आधे दाम पर धान बेचने की मजबूरी

महराजगंज: जिले में धान खरीद का हाल ठीक नहीं है। प्रशासनिक अधिकारियों की सुस्ती के चलते किसान धान आढ़तियों को बेचने के लिए मजबूर हैं। सरकारी क्रय केंद्रों पर बोरे व पैसा आदि का बहाना बनाकर किसानों को दौड़ाया जा रहा है और इसका सीधा फायदा आढ़तियों की जेब में जा रहा है।

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सरकारी दर करीब 1850 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि आढ़तिए किसानों का धान नकद के रूप में 900 रुपये और उधार के रूप में 1100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से दे रहे हैं। बावजूद इसके तत्काल जरूरत पूरा करने के लिए किसान उनके पास पहुंच रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस समय खेती का समय है। शादियों का समय है। दवाओं, बच्चों की फीस आदि की जरूरत है। पैसे को लेकर परेशानी है। ऐसे में आढ़तियों के पास जाना मजबूरी है। किसान कनक बिहारी सिंह, दिनेश कुमार रौनियार, अशोक कुमार त्रिपाठी, जितेन्द्र कुमार राय, अनिल कुमार मिश्र, दुर्गा पांडेय, बबलू चौबे, अभिलाष चतुर्वेदी, सुरेन्द्र नाथ शुक्ल, अरविद राय, नियाज अहमद ने प्रशासन से क्रय केंद्रों की सक्रियता बढ़ाने के साथ आढ़तियों पर नजर रखने की मांग की है। उपजिलाधिकारी फरेंदा राजेश कुमार जायसवाल ने बताया कि प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। धान खरीद मानक के मुताबिक हो, इस पर ध्यान दिया जाएगा। क्रय केंद्रों पर गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा आढ़तियों पर भी नजर रखी जा रही है। धान बेचने को लेकर किसान परेशान

महराजगंज: बृजमनगंज क्षेत्र के किसान हरदिया रोग से धान की कम पैदावार को लेकर पहले ही परेशान थे। अब धान बेचने को लेकर उन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है। जिससे उनकी परेशानी बढ़ती जा रही है। कहने के लिए सरकारी क्रय केंद्र खुले हुए हैं, लेकिन क्रय केंद्रों का मानक पूरा करने में किसानों के पसीने छूट रहे हैं। क्रय केंद्र पर धान बेचने में उन्हें तरह-तरह की परेशानी पहले भी होती थी, जिसमें धान की क्वालिटी के साथ बिचौलियों की समस्या को लेकर उन्हें परेशान किया जा रहा है। किसान संतराम यादव, संतोष, हरिहर, राममिलन, हीरालाल, दयालु, राम ललित आदि ने बताया कि पैदावार बहुत कम हुई है।


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