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फाइलों के बोझ तले कराहती इंसाफ की गुहार

फाइलों के बोझ तले इंसाफ की गुहार कराह रही है। यहां से निकल कर वह न्याय के चौखट तक पहुंच ही नहीं पा रही जहां फैसले की मुहर लगती। दोषी को सजा मिलती और पीड़ित को न्याय।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 12:05 AM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 06:13 AM (IST)
फाइलों के बोझ तले कराहती इंसाफ की गुहार

महराजगंज : फाइलों के बोझ तले इंसाफ की गुहार कराह रही है। यहां से निकल कर वह न्याय के चौखट तक पहुंच ही नहीं पा रही, जहां फैसले की मुहर लगती। दोषी को सजा मिलती और पीड़ित को न्याय।

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जिले के 17 थानों में 937 मुकदमे लंबित हैं। पीड़ित भटक रहे हैं, ताकि विवेचना पूरी हो और आरोपितों को कोर्ट से सजा मिले। पर्याप्त संख्या में निरीक्षक व उप निरीक्षक की तैनाती भी है। सदर कोतवाली में सर्वाधिक 197 मुकदमे फाइलों में धूल फांक रहे हैं।

हत्या, हत्या के प्रयास, गैर इरादतन हत्या के करीब 20, लूट व छिनैती के छ: व 900 से अधिक महिला अपराध के मुकदमे जिले के अन्य थानों में लंबित हैं। धोखाधड़ी, आइटीएक्ट, आनलाइन ठगी के एक दर्जन मामले तीन साल से लंबित हैं। विवेचक बदलने के साथ ही मुकदमों की फाइल तो बदलती है, लेकिन विवेचना पूरी नहीं हो पाती। कुछ मुकदमे साक्ष्य के अभाव में भी लंबित हैं।

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सदर कोतवाली की स्थिति सबसे खराब: सदर कोतवाली में करीब डेढ़ सौ से अधिक गांव हैं। दो निरीक्षक, आठ चौकी प्रभारी, आधा दर्जन उप निरीक्षक तैनात हैं, लेकिन विवेचना निस्तारण में हाल सबसे खराब है। इस मामले में श्यामदेउरवा, पनियरा, घुघली, फरेंदा, कोठीभार थानों का भी हाल ठीक नहीं है।

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मुकदमा निस्तारण में देरी हो रही है। त्योहार व अयोध्या प्रकरण में व्यस्तता अधिक थी। लंबित मामले में अधिकतर मुकदमे इसी वर्ष लिखे गए हैं।

- रोहित सिंह सजवान, पुलिस अधीक्षक, महराजगंज


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