सेना के बंधे हाथ अब खोल दे सरकार
महराजगंज:जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों द्वारा आत्मघाती हमला कर सीआरपीएफ के जवानों को शहीद
महराजगंज:जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों द्वारा आत्मघाती हमला कर सीआरपीएफ के जवानों को शहीद किए जाने की घटना को लेकर हर जगह गुस्सा व आक्रोश है। राजनीतिक दल चाहे जो भी बयान दे पर सेना से सेवानिवृत्त हुए अधिकारी एवं कर्मचारी इस घटना से बेहद दुखी हैं। भूतपूर्व सैनिकों ने'जागरण'से अपनी बात कुछ इस तरह रखी..!
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परिचय: कैप्टन हरि बहादुर गुरुंग
कैप्टन हरि बहादुर गुरुंग ने कहा कि बर्दाश्त ही तो अब हद हो गई। अब आरपार की बात हो। राजनेता अपनी जुबान बंद कर लें। शहीद के परिजनों के प्रति संवेदना न प्रकट करें। संवेदना प्रकट ही करनी है तो सेना को जवाबी कार्रवाई करने की खुली छूट दें। भारतीय सैनिक एक दिन में ही आतंकवाद को जड़ से मिटा देंगे।
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परिचय: हवलदार नर बहादुर राना
हवलदार नर बहादुर राना ने कहा कि आतंकवाद की समस्या का निदान बेहद आसान है। केंद्र सरकार से लेकर विपक्षी दल इन सैनिकों की शहादत से वास्तव में दुखी हैं तो बस सेना के बंधे हाथ हो महज एक दिन के लिए ही खोल दें। आतंकवाद का नामोनिशान ही समाप्त हो जाएगा। यह विडंबना है कि सैनिक शहीद होता है और दिल्ली में बैठी सरकार बदला लेने की रणनीति तय करती है।
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परिचय: हवलदार अनिल शाही
हवलदार अनिल शाही ने कहा कि आत्मघाती एवं आतंकवादी हमलों में मारे गए सैनिकों की संख्या युद्ध मे शहीद हुए सैनिकों की संख्या से काफी अधिक है। आखिर ऐसा कब तक होता रहेगा। दिल्ली सरकार अघोषित युद्ध की चुनौती स्वीकार करे और सेना को इससे निपटने की पूरी छूट दे। विपक्षी दल भी इसमें राजनीति न कर इसमें सहयोग करे।
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परिचय: नायक सूबेदार गनेश थापा
सेवानिवृत्त नायक सूबेदार गनेश थापा का कहना है कि पाक अधिकृत कश्मीर में ही आतंकवादियों प्रशिक्षण दिया जाता है। यह सब कुछ पाक सरकार की शह पर होता है।भारत सरकार बस एक बार इन प्रशिक्षण केंद्रों पर बम गिराने की छूट दे तो भारतीय वायु सेना महज 15 मिनट में ही आतंकवाद का सफाया कर देगी।