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पीड़ा का अहसास कर रोई तराई

त्रमोहानी घाट पर चिता सजते ही रोहिन नदी के शांत जल में मचा हाहाकार

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 08:00 AM (IST)
पीड़ा का अहसास कर  रोई तराई
पीड़ा का अहसास कर रोई तराई

कैचवर्ड : दर्दनाक

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सबहेड: त्रिमोहानी घाट पर चिता सजते ही रोहिन नदी के शांत जल में मचा हाहाकार

क्रासर:

कौशल त्रिपाठी, महराजगंज : रोहिन नदी के त्रिमोहानी घाट पर शहीद पंकज कुमार त्रिपाठी की चिता सजते ही हर आम व खास की आंखें सजल हो गईं। रोहिन नदी के शांत जल में हाहाकार मच गया। शहीद के चार वर्ष के पुत्र प्रतीक संग माता, पिता, पत्नी व छोटे भाई की पीड़ा का अहसास कर नदी में रहने वाले जीव-जंतु भी व्याकुल हो उठे और घाट व नदी यंग पूरी तराई रो पड़ी। शहीद पंकज कुमार त्रिपाठी का अंतिम संस्कार किए जाने से पहले शहर समेत पूरे जिले में जनाक्रोश देखने को मिला और चहुंओर पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे सुनाई दिए।बच्चों, नौजवानों संग हर उम्र के लोगों ने पाकिस्तान संग आतंकियों की कायराना हरकतों के खिलाफ भड़ास निकाली और ईंट का जवाब गोली से देने की मांग की। कहा कि आतंकियों का सहयोग करने वाले पाक का भूगोल बदलने के लिए सेना को खुली छूट दी जाए। बता दें कि फरेंदा थाना अंतर्गत ग्राम हरपुर के टोला बेलहिया निवासी ओम प्रकाश त्रिपाठी के बड़े पुत्र पंकज कुमार त्रिपाठी जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राज मार्ग पर गोरीपोरा के पास गुरुवार को आत्मघाती हमले में शहीद हो गए थे। पार्थिव शरीर लेकर आए सैनिकों ने बताया कि परिचय पत्र, मोबाइल व बैग से पंकज त्रिपाठी समेत सभी 40 जवानों की शिनाख्त हुई। किसी तरह छत-विछत शरीर के हिस्सों को इकट्ठा कर ताबूत में रखा गया। इसी कारण शहीद का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचने पर भी ताबूत नहीं खोला गया।


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