कुष्ठ रोगियों को चिह्नित करें आशा कार्यकर्ता
सीएचसी अधीक्षक केपी सिंह ने बताया कि आशा कार्यकर्ता गृह आधारित नवजात देखभाल भ्रमण कोविड सर्वे टीकाकरण से वंचित लोगों के चिह्निकरण के दौरान कुष्ठ रोगियों को भी खोजें। साथ ही उनके इलाज के लिए अस्पताल पर भेजें।
महराजगंज: राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सदर पर आशा संवेदीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं को कुष्ठ रोगियों को चिन्हित करने के लिए संबंधित रोग के लक्षण बताए गए।
सीएचसी अधीक्षक केपी सिंह ने बताया कि आशा कार्यकर्ता गृह आधारित नवजात देखभाल भ्रमण, कोविड सर्वे, टीकाकरण से वंचित लोगों के चिह्निकरण के दौरान कुष्ठ रोगियों को भी खोजें। साथ ही उनके इलाज के लिए अस्पताल पर भेजें। ताकि उन्हें चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध हो सके। कुष्ठ रोगियों के निश्शुल्क इलाज की सुविधा है। उन्होंने बताया कि दिव्यांगता के बिना के कुष्ठ रोगी खोजने पर 250 रुपये एवं दिव्यांगता के साथ कुष्ठ रोगी खोजने पर 200 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके अलावा प्रत्येक पीबी उपचार पूरा करने के लिए 400 रुपये तथा एमबी उपचार पूरा करने के लिए 600 रुपये के भी पात्र होंगे। प्रशिक्षक मो. शब्बीर खान, एसपी सिंह, सत्यमणि ने आशाओं को कुष्ठ रोगियों की पहचान करने के लक्षण में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान विध्यवासिनी, रीता, आरती सहित बड़ी संख्या में आशा कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कुष्ठ रोग के लक्षण
- कोई व्यक्ति जिसकी चमड़ी बदरंग और चमड़ी में मोटापन हो।
- चमड़ी का दाग जिसमें सून्नापन हो।
- चमड़ी चमक अथवा दाने हो और आंख बंद करने में कठिनाई हो।
- दाग, चकत्ता जिसमें पसीना न आता हो।
- हाथ पैर के नसों में मोटापन, सूजन तथा झनझनाहट हो।
- आंखों का भौंह झड़ गया हो तथा कान पर गांठ हो।
- हाथ पैर की उंगली में टेढ़ापन हो।
- हाथ तथा पैर के तलवों में सून्नपन हो।
- घाव जो इलाज के बाद ठीक न होता हो। दो तरह के होते हैं कुष्ठ रोग
कुष्ठ रोग एमबी एवं पीबी दो तरह का होता है। शरीर में पांच से अधिक संवेदनशील दाग और दो नर्भ प्रभावित रहने वाला व्यक्ति एमबी तथा एक से पांच संवेदनशील दाग और एक नर्भ प्रभावित रहने वाले व्यक्ति पीबी कुष्ठ रोगी की श्रेणी में आता है। यह भी जानिए
कुष्ठ रोगियों का नियमित इलाज के बाद रोग के कीटाणु समाप्त हो जाते हैं। चिकित्सकों के अनुसार एमबी कुष्ठ रोगी को सरकारी अस्पतालों में 12 ब्लीस्टर दवा एवं पीबी कुष्ठ रोगी को छह ब्लीस्टर दवा उपलब्ध कराया जाता है, जिसे खाना जरूरी है। एक ब्लीस्टर दवा 28 दिन का रहता है।