शाम ढलते ही सड़क बन जाती है मयखाना
आबकारी विभाग की लापरवाही के कारण बढ़ी समस्या
महराजगंज : आबकारी विभाग की शह पर दिन ढलते ही उपनगर की मुख्य सड़क मयखाने में तब्दील हो जाती हैं। चिकन-मटन बेचने वालों से लेकर ठेले पर खोमचे लगाने वाले के पास सड़क पर पीने-पिलाने का दौर शुरू हो जाता है। सब कुछ जानने-समझने के बावजूद न तो आबकारी विभाग इस ओर ध्यान देता और न ही स्थानीय थाना पुलिस। नतीजा यह होता है कि उपनगर की प्रमुख सड़क पर शाम के बाद आदमी चाह कर भी निकलने से बचता है, क्योंकि वहां देर रात तक जाम जैसी स्थित बनी रहती है और कुछ कहने पर झगड़ा तक हो जाता है।इन पियक्कड़ों की वजह से बृजमनगंज-फरेन्दा मार्ग अक्सर जाम रहता है। शाम आठ बजे के बाद इन दुकानों में शराब व मटन-चिकन खाते व आपस में पैग लड़ाते हुए इन शराबियों को देखा जाना आम बात है। आबकारी विभाग की स्थिति तो ऐसी है कि चिकन सेंटर की आड़ में वहीं बैठकर पीनेवालों को देख कर नजर अंदाज करते हैं, मगर ऐसा करने के पीछे असल वजह क्या है, वह तो यह विभाग ही जाने। मगर पीने-पिलाने वालों की वजह से आम नागरिकों को कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही सड़कों पर विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है। आबकारी निरीक्षक रवि विद्यार्थी का कहना है कि किसी भी दशा में सड़क पर किसी को शराब पीने नहीं दिया जाएगा । इस तरह का कार्य करने वालों के खिलाफ अभियान चला कर कार्रवाई की जाएगी।
----------------
क्या है नियम
- नियमों के मुताबिक शराब की दुकानों से सिर्फ शराब की बिक्री होगी, वहां पीने का इंतजाम नहीं होना चाहिए।
- अगर कहीं ऐसा होता है तो उसके खिलाफ आबकारी विभाग को कार्रवाई करने का अधिकार है।
- बिना परमिशन शराब पिलाने पर दुकान का लाइसेंस तक रद करते हुए उसे सीज किया जा सकता है।
- पीने वालों के लिए नियम यह हैं कि वो खुलेआम शराब नहीं पी सकते हैं।
- घर पर भी अगर समूह में शराब पीने या पिलाने की व्यवस्था है तो तीन बोतल से अधिक शराब होने पर अस्थायी लाइसेंस लेना जरूरी है।
- खुलेआम शराब पीने वालों को जुर्माना के साथ जेल हो सकती है।
-चिकन-मटन सेंटर वाले बिना बार लाइसेंस के शराब नहीं पिलवा सकते हैं,ऐसा करने पर इनके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है।