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इंसेफ्लाइटिस वार्ड में एक और बच्चे की मौत

बृजमनगंज थाना क्षेत्र के दुर्गापुर निवासी जोगिदर के 12 वर्षीय बेट अभय की तबीयत खराब हुई तो वह उसे नौ सितंबर को जिला अस्पताल लेकर पहुंचा। चिकित्सक ने उसे झटका आने की शिकायत पर इंसेफ्लाइटिस वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 12:50 AM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 12:50 AM (IST)
इंसेफ्लाइटिस वार्ड में एक और बच्चे की मौत
इंसेफ्लाइटिस वार्ड में एक और बच्चे की मौत

महराजगंज: बदलते मौसम में बीमारी बच्चों पर कहर बनकर टूट रही है। जिला अस्पताल के इंसेफ्लाइटिस वार्ड में रविवार को एक और बच्चे की मौत हो गई। लगातार दूसरे दिन भी वार्ड में बच्चे की मौत को लेकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है।

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बृजमनगंज थाना क्षेत्र के दुर्गापुर निवासी जोगिदर के 12 वर्षीय बेट अभय की तबीयत खराब हुई तो वह उसे नौ सितंबर को जिला अस्पताल लेकर पहुंचा। चिकित्सक ने उसे झटका आने की शिकायत पर इंसेफ्लाइटिस वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू किया, लेकिन उसके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ और रविवार की शाम उसकी मौत हो गई है। अभी एक दिन पूर्व शनिवार को भी इंसेफ्लाइटिस वार्ड में पकड़ी सिसवा निवासी अमित की मौत हो चुकी है। बच्चों की हो रही मौत को लेकर अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गई है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एके राय ने बताया कि बच्चे को झटका आ रहा था। उसका इलाज चल रहा था, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण मौत हो गई है। स्टाफ नर्स और तीमारदार से हुई नोकझोंक

महराजगंज: आक्सीजन बेड पर पड़े बच्चे अभय को उसका पिता अनार का जूस पिला रहा था। इसी बीच स्टाफ नर्स ने मना किया, लेकिन वह नहीं माना और उलझ गया। इसके बाद अन्य स्टाफ नर्स भी वहां पहुंच गईं और उसे समझाकर ऐसा करने से मना किया। तो उनसे भी उसकी नोकझोंक हुई। अन्य तीमारदारों के समझाने पर वह माना और मामला शांत हुआ। दिल में छेद की बीमारी से भी पीड़ित था मासूम अमित

महराजगंज: जिला अस्पताल में शनिवार को मृत अमित के दिल में छेद और हार्निया की बीमारी से भी पीड़ित था। सीएचसी सिसवा की चिकित्सक की टीम ने मृतक के घर पहुंचकर जानकारी जुटाई। निचलौल क्षेत्र गेड़हवा बैरा टोला निवासी राधेश्याम की पत्नी रंभा ने बताया कि जुलाई माह से ही घुघली के पकड़ी सिसवा में अमित का इलाज चल रहा था। बताया कि अमित जब तीन माह का था, तभी से उसका दिल में छेद और हार्निया की बीमारी का इलाज चल रहा था। अभी 10 दिन पहले बुखार और सांस लेने में दिक्कत होने पर डा. विशाल चौधरी को दिखाया गया, लेकिन कोई सुधार नहीं होने पर शनिवार को उसे भर्ती करने की सलाह दी गई। भर्ती करने के दस मिनट बाद ही उसकी मौत हो गई। डा. विशाल चौधरी ने बताया कि डेढ़ वर्ष के बच्चे का वजन सिर्फ पांच किलो ही था। बीमारी के चलते वह कुपोषण का शिकार हो गया था।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके श्रीवास्तव ने बताया कि अमित के दिल में बचपन से ही छेद था और वह हार्निया की बीमारी से भी पीड़ित था। ऐसे मरीज में बार-बार निमोनिया, सर्दी-जुकाम और बुखार होता है। शनिवार को वह काफी गंभीर हो गया था, जिससे उसकी मौत हो गई है।


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