प्रभारी डीपीआरओ के वित्तीय अधिकार पर लटकी तलवार
वित्तीय अधिकार जिला पंचायत राज अधिकारी के पास ही रहता है लेकिन 27 जून 2019 को बहराइच के अपर जिला पंचायत राज अधिकारी कृष्ण बहादुर को महराजगंज के प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी के रूप में तैनात किया गया।
महराजगंज: प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) कृष्ण बहादुर वर्मा के वित्तीय अधिकार को लेकर मुश्किलें बढ़ गईं हैं। उनके वित्तीय अधिकार पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। साथ ही नियम विरुद्ध लंबे समय से वित्तीय अधिकार का संभालना जांच की जद में भी आ गया है।
वित्तीय अधिकार जिला पंचायत राज अधिकारी के पास ही रहता है लेकिन 27 जून 2019 को बहराइच के अपर जिला पंचायत राज अधिकारी कृष्ण बहादुर को महराजगंज के प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी के रूप में तैनात किया गया। इसी के बाद से वह महराजगंज में अपने दायित्वों का लगातार निवर्हन करते रहे। आहरण वितरण का कार्य भी वह करते रहे लेकिन चार फरवरी 2020 को आए नए आदेश के तहत अपर जिला पंचायत राज अधिकारी को आहरण एवं वितरण का अधिकार नहीं दिया गया है। बावजूद प्रभारी जिला पंचायत राज अधिकारी ने इस आदेश को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में नहीं दिया। मामला संज्ञान में आने पर अब जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। जिला पंचायत राज अधिकारी का वित्तीय अधिकार हटाकर किसी अन्य राजपत्रित अधिकारी को देने की तैयारी में है। मुख्य विकास अधिकारी पवन अग्रवाल ने कहा कि शासन की जो भी गाइड लाइन होगी, उसी के अनुसार ही वित्तीय अधिकार किसी राजपत्रित अधिकारी को सौंपा जाएगा। व्यवस्था ऐसी बनाई जाएगी जिससे जिला पंचायत राज विभाग के कार्य न प्रभावित होने पाएं। ग्रामीणों के साथ बनाएं आपसी सौहार्द
सोनौली कोतवाली क्षेत्र के कैथवलिया उर्फ बरगदही में मंगलवार को एसएसबी ने ग्रामीणों के साथ बैठक कर आपसी सौहार्द की अपील की। एसएसबी हरदीडाली बीओपी के उपनिरीक्षक शंभूनाथ ने कहा कि एसएसबी भारतीय क्षेत्र में सेवा सुरक्षा तथा बंधुत्व की भावना से तैनात है। जहां सीमावर्ती क्षेत्र में निवास करने वाले ग्रामीणों के सहयोग से ही भारत-नेपाल सीमा सुरक्षित है। राष्ट्रद्रोही गतिविधियों को रोकना एसएसबी से लगाए हर आम नागरिक का कर्तव्य है। ऐसे में तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए उनका राष्ट्रहित सराहनीय प्रयास है। ग्राम प्रधान रामरक्षा पांडेय, एसएसबी जवान राकेश कुमार, बृजकिशोर, हेमंत पांडेय, सुरेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।