वेतन के लिए दौड़ रहे नवनियुक्त शिक्षक
प्रमाणपत्रों के सत्यापन में लेटलतीफी बन रही परेशानी का सबब विद्यालय छोड़ बीएसए कार्यालय का लगा रहे चक्कर
महराजगंज: 69 हजार शिक्षक भर्ती को लेकर जिले में नियुक्त हुए 1235 शिक्षकों को सैलरी पाने के लिए प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराना आवश्यक है। लेकिन सत्यापन में लापरवाही और बाबुओं की मनमानी के कारण प्रत्येक दिन शिक्षकों को बीएसए कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा हैं। बावजूद नियुक्ति के पांच माह बाद भी अभी तक मात्र 13 फीसद शिक्षकों का ही वेतन लग सका है।
परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में दो चरणों में 1235 सहायक अध्यापकों कीे तैनाती हुई है। सभी को वेतन भुगतान उनके शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच के बाद किया जाना है। नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान ही समस्त शिक्षकों के सभी प्रमाणपत्र नियम अनुसार काउंसिलिग कराते हुए जमा कराए गए। योजना के अनुसार इसके बाद की प्रक्रिया प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराकर वेतन लगाने की होती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, बीएसए आफिस के बाबुओं द्वारा प्रमाणपत्रों के सत्यापन के लिए पुन: शिक्षकों से प्रमाणपत्रों की प्रतिलिपि की मांग की गई और सभी से प्रमाणपत्रों के लिए ट्रेजरी चालान भी कटवाए गए। जिले में नियुक्ति पाए कुल 1235 में से अधिकांश शिक्षकों ने इस प्रक्रिया को अपनाते हुए वेतन प्राप्त करने में बाबुओं का सहयोग भी किया। लेकिन अक्टूबर 2020 से लेकर मार्च महीने तक मात्र 170 शिक्षकों का ही विभाग से वेतन निर्गत हो सका है। विश्वविद्यालयों से सत्यापन मिलने में लग रहा समय : बीएसए
: बीएसए ओपी यादव ने कहा कि सभी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों के सत्यापन के लिए उनके शैक्षणिक संस्थानों को डाटा भेजा गया है। जैसे-जैसे संस्थानों से सत्यापन रिपोर्ट मिल रही हैं, वैसे ही शिक्षकों के वेतन लगाने की कार्रवाई की जा रही है। अभी तक कुल 1235 शिक्षकों में से 170 के वेतन लग चुके हैं। बाकी 400 अन्य शिक्षकों के प्रमाणपत्र सत्यापन की भी कार्रवाई पूरी हो चुकी है।