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नियुक्ति विभाग में धांधली पर सीएम योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर, दो अनुभाग अधिकारी के खिलाफ विजिलेंस जांच

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नियुक्ति व कार्मिक विभाग के दो अनुभाग अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के इस निर्देश पर इन दोनों के खिलाफ विजिलेंस जांच का आदेश दिया गया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 11 Sep 2021 01:37 PM (IST)Updated: Sat, 11 Sep 2021 03:52 PM (IST)
नियुक्ति विभाग में धांधली पर सीएम योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर, दो अनुभाग अधिकारी के खिलाफ विजिलेंस जांच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले पर बेहद सख्त

लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले सामने आने पर किसी भी प्रकार की ढील देने के पक्ष में नहीं हैं। इसी क्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने नियुक्ति विभाग में अनियमितता मिलने पर दो अनुभाग अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नियुक्ति व कार्मिक विभाग के दो अनुभाग अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के इस निर्देश पर इन दोनों के खिलाफ विजिलेंस जांच का आदेश दिया गया है। इसके बाद भी दोनों अभी अपने पद पर जमे हैं।

योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार पर वार करने से चूक नहीं है। मुख्यमंत्री के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत प्रदेश सरकार के नियुक्ति विभाग के दो अफसरों के खिलाफ विजिलेंस जांच की जाएगी। प्रदेश सरकार को भेजी गई शिकायत में नियुक्ति विभाग के अनुभाग अधिकारी पर लम्बे समय से भ्रष्टाचार में संलिप्तता के साथ ही साथ ट्रांसफर-पोस्टिगं में वसूली कर अवैध संपत्ति बनाने का आरोप है।

इनमें से एक के पास लम्बे समय से आइएएस अधिकारियों की शिकायतों की जांच के साथ ही पीसीएस अफसरों के ट्रांसफर व जांच की जिम्मेदारी है। सीएम योगी आदित्यनाथ के इनके खिलाफ विजलेंस जांच के आदेश देने के बाद भी अभी तक दोनों अफसरों को नियुक्ति विभाग ने हटाया नहीं है।

इन दोनों के खिलाफ दो दर्जन से अधिक पीसीएस अफसरों से ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर वसूली का आरोप है। इन दोनों की शिकायत करने वाले लखनऊ के सीतापुर रोड निवासी संत कुमार ने बताया कि दोनों नियुक्ति व कार्मिक विभाग के अनुभाग 5 और 3 में तैनात हैं। इन पर अफसरों की अनुशासनिक कार्रवाई समाप्त करने की एवज में छह से आठ लाख रुपए लेने का आरोप हैं। शासन को भेजे गए शिकायत पत्र में नौ बिंदुओं के साथ अनुभाग अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।  


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