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सुलतानपुर में हिरासत में युवक की संदिग्ध मौत, बीट दारोगा व हवलदार निलंबित

सुलतानपुर में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत पर सनसनी फैल गई है। युवक पर लड़की को भगा ले जाने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। परिवारीजनों का आरोप है कि लॉकअप में युवक के साथ पिटाई की गई जिससे उसकी मौत हो गई।

By Rafiya NazEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 07:00 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 07:28 AM (IST)
सुलतानपुर में हिरासत में युवक की संदिग्ध मौत, बीट दारोगा व हवलदार निलंबित
सुलतानपुर में लड़की भगा ले जाने के आरोप में जेल में बंद युवक की मौत।

सुलतानपुर, जेएनएन। लड़की भगा ले जाने के आरोप में हिरासत में लिए गए युवक की थाने में ही संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। मृतक की पहचान राजेश कुमार कोरी निवासी जगदीशपुर परसीपुर के रूप में हुई है। पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन कुमार मिश्र ने थाना प्रभारी अरविंद पांडेय, एसआइ शास्त्राजीत प्रसाद व हवलदार बृजेश कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। होमगार्ड भोलेंद्र के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिला कमांडेंट होमगार्ड को सूचित कर दिया गया है।

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राजेश अपनी पत्नी ज्योति व दो बच्चों के साथ गांव रहता था। वह पंजाब से चार माह पहले घर आया था। उसका गांव की ही एक लड़की से प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिसे वह चार दिन पूर्व भगा ले गया। पुलिस राजेश की पत्नी, बहन व मां को थाने पर लाई और राजेश को वापस बुलाने के लिए दबाव बनाने लगी। पता चला कि राजेश अहिमाने में रह रहा है। परिवारजन से फोन पर हुई बातचीत के बाद राजेश अपनी प्रेमिका को लेकर वापस घर आ गया। राजेश के छोटे भाई संतोष ने बताया कि गुरुवार की सुबह करीब 11 बजे उसकी भाभी ज्योति थाने पर खाना लेकर गई थी। लाकअप के अंदर उन्होंने खाना भी खाया। थोड़ी देर रहने के बाद ज्योति वापस घर चली आई। दोपहर में परिवारजन को सूचना दी गई कि उसकी की तबियत खराब है और सीएचसी से जिला अस्पताल ले जाया गया है। अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि उसके भाई की मौत हो चुकी है। संतोष ने यह भी बताया कि उसके भाई ने लोवर पहना था, लेकिन मौके से वह गायब था।

मुकदमा लिखने के बजाय टरकाती रही पुलिस: घटना की तहरीर देने के बाद भी थानाध्यक्ष अरविंद पांडेय व बीट दारोगा शास्त्राजीत प्रसाद मुकदमा लिखने की बजाय युवती की मां को टरकाते रहे। वहीं दोनाें परिवारजन पर भी खाकी द्वारा बेवजह दबाव बनाया जाता रहा। राजेश की मौत के बाद भी थाना प्रभारी अपने उच्चाधिकारियों से लेकर मीडिया तक से मामले को छुपाते रहे।

पहले भी हो चुकी है कस्टडी मौत

कुड़वार थाने में दिसंबर 2019 में भी पुलिस अभिरक्षा में भंडरा परशुरामपुर निवासी महेंद्र निषाद की मौत हो गई थी। घटना के अनुसार महेंद्र का पत्नी की शिकायत पर पुलिस महेंद्र को थाने लाई थी। देर शाम उसकी हालत बिगड़ी तो जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। परिवारजन ने पुलिस की पिटाई से मौत का आरोप लगाया था।

पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन कुमार मिश्र ने बताया कि लापरवाही सामने आने पर सबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मौत का स्पष्ट कारण जानने के लिए शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।


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