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दीक्षांत समारोह में राजनाथ का भारत को विश्व गुरु बनाने का वादा

भारत को हम सुपर पावर नहीं बल्कि विश्व गुरु बनाएंगे। हम यह नहीं चाहते कि सिर्फ इसलिए शक्तिशाली हो जाएं कि दुनिया के दूसरे देश हमसे डरें। गृहमंत्री आज इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के 13वें दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2016 04:42 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2016 06:48 PM (IST)
दीक्षांत समारोह में राजनाथ  का भारत को विश्व गुरु बनाने का वादा

लखनऊ। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत को हम सुपर पावर नहीं बल्कि विश्व गुरु बनाएंगे। हम यह नहीं चाहते कि सिर्फ इसलिए शक्तिशाली हो जाएं कि दुनिया के दूसरे देश हमसे डरें। गृहमंत्री आज इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के 13वें दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे। समारोह में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष अलूर सीलिन (एएस) किरण कुमार को डीएससी की मानद उपाधि दी गई। 62 मेधावियों को मेडल और 64083 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गईं।

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राजनाथ सिंह ने मेडल पाने वाले मेधावियों व डिग्री पाने वाले विद्यार्थियों से कहा कि विज्ञान एवं तकनीकी का तेजी से विकास हो रहा है। ऐसे में वह तकनीकी का सही इस्तेमाल कर देश को मजबूत बनाएं। उन्होंने विद्यार्थियों को उदाहरण दिया कि एक तरफ इनफोसिस जैसी आइटी कंपनी है जिसका पूरी दुनिया में नाम है और दूसरी ओर आतंकी संगठन अलकायदा है। दोनों के पास दक्ष वैज्ञानिक हैं और अच्छा नेटवर्क है मगर इनफोसिस सकारात्मक कार्य में तकनीकी का उपयोग कर मानव कल्याण का काम कर रही है और अलकायदा की विनाशकारी सोच गलत इस्तेमाल कर आतंक व विध्वंस फैला रही है। विद्यार्थियों से कहा वे अच्छी सोच व विचार रखें और जीवन मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता रखें। कार्यक्रम में इसरो के अध्यक्ष एएस किरण कुमार, कुलाधिपति व राज्यपाल राम नाईक, प्राविधिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) फरीद महफूज किदवई व कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने मेधावियों को पदक दिए। कार्यक्रम में पहली बार पांच स्वायत्तशासी सरकारी कॉलेजों के विद्यार्थियों सहित कुल 62 मेडल और बीटेक, बीफॉर्मा, बीआर्क, एमबीए व एमसीए सहित विभिन्न कोर्सेज के कुल 64083 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गईं।

अच्छी सोच से कुछ भी संभव

राजनाथ ने कहा कि देश के युवा की सोच अच्छी होने चाहिए। अच्छी सोच के साथ वह खराब जगह पर भी अच्छा काम कर लेगा। अगर उसकी सोच गड़बड़ हुई तो वह इंफोसिस में खराब सोच का युवा जाएगा तो फिर वह अलकायदा के लिए काम करेगा। उन्होंने कहा कि मेरा मानना आज के दिन छात्र अच्छी सोच लेकर जायें। अच्छी सोच से देश के अच्छे भविष्य तथा चरित्र का निर्माण होगा। खराब सोच के कुछ युवा अच्छी शिक्षा लेने के बाद भी अलकायदा में हैं, जबकि कुछ खराब जगह पर अच्छी सोच के साथ आगे बढऩे वाले आज तो इंफोसिस जैसी संस्था में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से मेरा बहुत करीबी रिश्ता रहा है। उन्होंने देश के लिए अनेक महत्वपूर्ण को अंजाम दिया।

मजाक के मूड में राजनाथ

दीक्षांत समारोह के दौरान राजनाथ सिंह के संबोधन के समय लाइट चली गई। उन्होंने कहा कि लगता है अब मुझे संबोधन बंद कर देना चाहिए। शायद कुछ ज्यादा हो गया।

रिजर्वेशन पर चुटकी

गवर्नर राम नाईक ने कहा कि आज यहां 62 मेडलों में सिर्फ 14 ही लड़कों को मिले हैं। बाकी तो सब लड़कियों ने ले लिए। मेडल छात्रों के लिए खतरे की घंटी है। राजनीति में हम महिलाओं को रिजर्वेशन देने की चर्चा करते हैं। छात्रों मेहनत करो वरना यहां भी रिजर्वेशन की जरूरत पड़ जाएगी।


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