असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देगी योगी सरकार, दुर्घटना में मौत व स्थायी दिव्यांगता पर मिलेगी दो लाख रुपये बीमा राशि
उत्तर प्रदेश सरकार पंजीकृत मजदूरों व उनके परिवार के सदस्यों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध सरकारी व निजी अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज की मुफ्त सुविधा उपलब्ध कराने का भी निर्णय किया है।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार ने असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों को मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के तहत दो लाख रुपये तक का बीमा कवर मुहैया कराने का फैसला किया है। पंजीकृत मजदूरों व उनके परिवार के सदस्यों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध सरकारी व निजी अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज की मुफ्त सुविधा उपलब्ध कराने का भी निर्णय किया है। यह सुविधा उप्र असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के पोर्टल पर अब तक पंजीकृत हो चुके कामगारों और केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड श्रमिकों को मिलेगी।
श्रम विभाग के प्रस्ताव पर फैसले की जानकारी राज्य सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ ङ्क्षसह ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के तहत किसी दुर्घटना में मृत्यु या शत-प्रतिशत दिव्यांगता पर दो लाख रुपये तक की बीमा राशि देने का प्राविधान है। वहीं 50 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता पर एक लाख रुपये और 25 से 50 फीसद तक दिव्यांगता पर 50 हजार रुपये बीमा राशि दी जाएगी। आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर शुरू की गई मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पंजीकृत श्रमिकों व उनके परिवार के सदस्यों को साल में पांच लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज की निश्शुल्क सुविधा मिलेगी। उप्र राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड इस योजना का क्रियान्वयन स्टेट एजेंसी कंप्रीहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) के माध्यम से कराएगा। इसके लिए बोर्ड और साचीज के बीच अनुबंध होगा।
प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की अनुमानित संख्या 4.5 करोड़ है। उप्र असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के पोर्टल पर अब तक 79,215 श्रमिक पंजीकृत हो चुके हैं। वहीं केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर अब तक 24 लाख से ज्यादा श्रमिक पंजीकृत हो चुके हैं।
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