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उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने के लिए कंसल्टेंट रखेगी योगी सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि 2025 तक अपनी अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर का आकार देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने में उत्तर प्रदेश अग्रणी भूमिका निभाए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 07:18 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 07:45 AM (IST)
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने के लिए कंसल्टेंट रखेगी योगी सरकार
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने के लिए कंसल्टेंट रखेगी योगी सरकार

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को अगले पांच वर्षों में एक ट्रिलियन (10 खरब) डॉलर का आकार देने की रणनीति तैयार करने के मकसद से योगी सरकार ने कंसल्टेंट नियुक्त करने का फैसला किया है। इसके लिए यूपी के नियोजन विभाग ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) डॉक्यूमेंट तैयार कर उसके आधार पर ई-टेंडर के जरिए बिड आमंत्रित किए हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2025 तक पांच ट्रिलियन (50 खरब) डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने में उत्तर प्रदेश जैसे सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य की अहम भूमिका होगी। प्रधानमंत्री ने इस चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को हासिल करने के लिए उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को अगले पांच वर्षों में एक ट्रिलियन डॉलर का आकार देने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि 2025 तक अपनी अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर का आकार देकर प्रधानमंत्री के सपने में उत्तर प्रदेश अग्रणी भूमिका निभाए।

हालांकि यह लक्ष्य बेहद चुनौतीपूर्ण होगा। कंसल्टेंट चयन के लिए तैयार किये गए आरएफपी के मुताबिक इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सूबे की अर्थव्यवस्था को पांच गुना बनाने का दुरूह कार्य करना होगा। वर्ष 2018-19 में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आकार 0.23 ट्रिलियन डॉलर (15.8 लाख करोड़ रुपये) था। उत्तर प्रदेश की आर्थक वृद्धि दर सात प्रतिशत और देश की अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी आठ फीसद है। पांच वर्षों में सूबे की अर्थव्यवस्था को पांच गुना आकार देने के लिए आर्थक वृद्धि दर के साथ निवेश दर को भी तीव्र गति देनी होगी।

कंसल्टेंट को देश के तीन शीर्ष राज्यों और दुनिया के उन तीन देशों में लागू किये गए ढांचागत, संस्थागत, आर्थक और सुशासन संबंधी सुधारों और उनके नतीजों की तुलना करनी होगी जिनकी उत्तर प्रदेश से समानता है। आरएफपी की शर्तों को लेकर कंसल्टेंट्स की जिज्ञासाओं के समाधान के लिए 29 जून को योजना भवन में प्री-बिड कांफ्रेंस होगी। फाइनेंशियल बिड खोलने की तारीख अभी तय नहीं है।

  • प्री-बिड कांफ्रेंस : 29 जून
  • ई-टेंडर पोर्टल पर बिड डालने की आखिरी तारीख : 21 जुलाई शाम पांच बजे तक
  • टेक्निकल बिड खोलने की तारीख : 22 जुलाई दोपहर तीन बजे से
  • टेक्निकल बिड का मूल्यांकन : 27 जुलाई सुबह 10.30 बजे से

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