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जल्द कोरोना वैक्सीन हासिल करने की जुगत में योगी सरकार, 4 करोड़ डोज के लिए 8 हजार करोड़ का दांव

कोरोना से देश की बड़ी आबादी को सुरक्षित करने के लिए केंद्र सरकार ने जैसे ही 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग को पहली मई से टीके लगाने का ऐलान किया था यूपी सरकार ने उसका समर्थन करते हुए उसी दिन से इस दिशा में तैयारी शुरू कर दी थी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 10:29 AM (IST)
जल्द कोरोना वैक्सीन हासिल करने की जुगत में योगी सरकार, 4 करोड़ डोज के लिए 8 हजार करोड़ का दांव
योगी सरकार ने कोरोना वैक्सीन की 4 करोड़ डोज के लिए 8 हजार करोड़ का ग्लोबल टेंडर जारी किया है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कोविड संक्रमण की दूसरी लहर को थामने में एड़ी चोटी का जोर लगा रही उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना टीकों की चार करोड़ डोज हासिल करने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर इस दिशा में अन्य राज्यों से पहले दांव चल दिया है। हालांकि टेंडर खुलने के बाद ही वैक्सीन के रेट का पता चलेगा लेकिन राज्य सरकार का अनुमान है कि इस सौदे पर तकरीबन आठ हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। कोरोना से बचाव का सबसे कारगर तरीका समझी जा रही वैक्सीन के इस मोटे आर्डर पर देश-विदेश की कंपनियों की निगाहें लगी हैं। कई कंपनियों ने इस ग्लोबल टेंडर में दिलचस्पी दिखाई है।

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कोरोना से देश की बड़ी आबादी को सुरक्षित करने के लिए केंद्र सरकार ने जैसे ही 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग को पहली मई से टीके लगाने का ऐलान किया था, उत्तर प्रदेश सरकार ने उसका समर्थन करते हुए उसी दिन से इस दिशा में तैयारी शुरू कर दी थी। प्रदेश में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की संख्या 9.28 करोड़ है। इस आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए राज्य सरकार ने फौरी तौर पर भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को वैक्सीन की 50-50 लाख डोज की आपूर्ति का आर्डर दिया था। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कॉरपोरेशन ने कोरोना की चार करोड़ डोज की आपूर्ति के लिए बीती सात मई को ग्लोबल टेंडर जारी कर दिया था। टेंडर ऑनलाइन सबमिट करने की आखिरी तारीख 21 मई है।

ग्लोबल ई-टेंडर के संदर्भ में बुधवार को वर्चुअल माध्यम से हुई प्री बिड कॉन्फ्रेंस में फाइजर, रूसी वैक्सीन स्पूतनिक 5 के निर्माता की लोकल पार्टनर डॉ रेड्डी लैब, जायडस कैडिला, दक्षिण कोरिया की एक फर्म, भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। फाइजर की ओर से बताया गया की फर्म को भारत में वैक्सीन प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार से अनुमोदन प्राप्त नहीं हुआ है। इसकी प्रक्रिया जारी है।

जायडस कैडिला के प्रतिनिधि ने बताया कि उनकी कंपनी की वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल में है। केंद्र सरकार के औषधि नियंत्रण विभाग ने अभी तक वैक्सीन निर्माण व वितरण के बारे में मंजूरी नहीं दी है। यह मंजूरी अगले महीने मिलने की उम्मीद है। भारत बायोटेक के सुब्बाराव ने अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट की राशि को कम करने का आग्रह किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार को वैक्सीन की 10 लाख डोज उपलब्ध कराए जाने के बारे में जानकारी दी। वही सीरम इंस्टीट्यूट के प्रतिनिधि ने बताया कि उनकी फर्म के पास वर्तमान में वैक्सीन के बहुत सारे आर्डर लंबित हैं। इसलिए वे टेंडर में भाग नहीं ले पाएंगे।

अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि वैक्सीन की चार करोड़ डोज खरीदने पर आठ हजार करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी को कोरोना टीका निश्शुल्क लगवाएगी। इसके लिए सरकार राज्य के बजट से धनराशि का इंतजाम करेगी। उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कॉरपोरेशन की प्रबंध निदेशक कंचन वर्मा ने कहा कि वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की गाइडलाइंस के अनुसार जारी किया गया है। टीकों की आपूर्ति की समयसीमा के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि टेंडर की प्रक्रिया 21 मई को पूरी होने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकेगा। वैक्सीन की जल्द से जल्द आपूर्ति के लिए हम केंद्र सरकार और निर्माता कंपनियों के साथ लगातार संपर्क में हैं।


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