Move to Jagran APP

योगी सरकार का तोहफा, जुफर फारूकी के नेतृत्व में सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिला छह महीने का विस्तार

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सुन्नी वक्फ बोर्ड में अध्यक्ष जुफर फारूकी के राम मंदिर मसले पर लिए गए स्टैंड से खुश होकर उन्हें छह माह विस्तार का इनाम दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 04:36 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 04:39 PM (IST)
योगी सरकार का तोहफा, जुफर फारूकी के नेतृत्व में सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिला छह महीने का विस्तार
योगी सरकार का तोहफा, जुफर फारूकी के नेतृत्व में सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिला छह महीने का विस्तार

लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जुफर फारूकी के नेतृत्व में सुन्नी वक्फ बोर्ड को छह महीने का विस्तार दे दिया है। यानी जुफर फारूकी के नेतृत्व में पूरा बोर्ड छह महीने तक काम करता रहेगा। सरकार ने जुफर फारूकी के राम मंदिर मसले पर लिए गए स्टैंड से खुश होकर उन्हें छह माह विस्तार का इनाम दिया है। बोर्ड का कार्यकाल 31 मार्च को ही समाप्त हो चुका है। सरकार ने पुरानी तिथि से छह माह का विस्तार प्रदान किया है।

loksabha election banner

दरअसल, सुन्नी वक्फ बोर्ड में अध्यक्ष जुफर फारुकी सहित कुल आठ सदस्य थे। इनमें विधायक अबरार अहमद, मो. जुनैद सिद्दीकी, अधिवक्ता अब्दुल रज्जाक खान, अधिवक्ता इमरान महमूद खान, मौलाना सैयद अहमद अली उर्फ खुशनूद मियां, अदनान फारूख शाह व मो. जुनीद। बोर्ड का कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त होने के बाद मुख्य कार्यपालक अधिकारी रुटीन के मामले निस्तारित करते थे। नियम यह है कि बोर्ड का कार्यकाल पूरा होने से पहले नया चुनाव करा लिया जाए। लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण अभी चुनाव संभव नहीं हो पा रहे हैं।

ऐसे में सरकार ने छह महीने के लिए पुराने बोर्ड का ही विस्तार कर दिया है। यह पहला मौका है जब किसी बोर्ड को विस्तार दिया गया है। यह विस्तार इसलिए दिया गया है क्योंकि सरकार जुफर फारूकी के राम मंदिर मसले पर लिए गए स्टैंड से खुश थी। प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण मनोज सिंह ने बताया कि पुराना बोर्ड पहले की तरह छह महीने के लिए काम करता रहेगा। सोमवार को इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं।

शिया वक्फ बोर्ड का नहीं बढ़ा कार्यकाल : प्रदेश सरकार ने शिया वक्फ बोर्ड का कार्यकाल नहीं बढ़ाया है। बोर्ड का कार्यकाल 18 मई को ही समाप्त हो चुका है। यहां वसीम रिजवी के नेतृत्व में बोर्ड चल रहा था। वसीम रिजवी बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने से पहले छह माह का कार्यकाल बढ़ाने के लिए सरकार को पत्र भी लिख चुके थे। लेकिन सरकार ने उनके नेतृत्व वाले बोर्ड का कार्यकाल नहीं बढ़ाया।

पहले प्रतिनियुक्ति खत्म की फिर वापस लिया आदेश : प्रदेश सरकार ने शिया वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीइओ) डॉ. मो. नसीर हसन की प्रतिनियुक्ति पहले समाप्त कर दी, फिर इस आदेश को वापस भी ले लिया। दरअसल, दिन में सीइओ की प्रतिनियुक्ति आदेश समाप्त कर उन्हें मूल विभाग भेजने के आदेश जारी हो गए। देर शाम घटनाक्रम बदला और सरकार ने यह आदेश वापस ले लिया। यानी शिया वक्फ बोर्ड में वर्तमान सीइओ बने रहेंगे। मो. नसीर हसन राजकीय महाविद्यालय, रूधौली, बस्ती में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.