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UP: प्राइमरी स्कूलों के बच्चों के अभिभावकों को योगी सरकार देगी 1100 रुपये, जानें- क्या है योजना

उत्तर प्रदेश के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठ तक के 1.6 करोड़ से अधिक बच्चों को यूनिफार्म स्वेटर जूता-मोजा और स्कूल बैग देने की बजाय सरकार अब इन वस्तुओं को खरीदने के लिए बच्चों के अभिभावकों के बैंक खातों में धनराशि भेजेगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 10:58 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 04:59 PM (IST)
UP: प्राइमरी स्कूलों के बच्चों के अभिभावकों को योगी सरकार देगी 1100 रुपये, जानें- क्या है योजना
योगी कैबिनेट ने बेसिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के परिषदीय और अशासकीय सहायताप्राप्त प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठ तक के 1.6 करोड़ से अधिक बच्चों को यूनिफार्म, स्वेटर, जूता-मोजा और स्कूल बैग देने की बजाय सरकार अब इन वस्तुओं को खरीदने के लिए बच्चों के अभिभावकों के बैंक खातों में धनराशि भेजेगी। हर बच्चे के लिए अभिभावक के बैंक खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत 1100 रुपये भेजे जाएंगे। इस तरह अभिभावकों के खातों में लगभग 1800 करोड़ रुपये की रकम भेजी जाएगी। शुक्रवार को योगी कैबिनेट ने बेसिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।

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बच्चों को दो जोड़ी यूनिफार्म मुहैया कराने के लिए प्रति जोड़ी 300 रुपये की दर से 600 रुपये, एक स्वेटर के लिए 200 रुपये, एक जोड़ी जूता व दो जोड़ी मोजे के लिए 125 रुपये और एक स्कूल बैग के लिए 175 रुपये दिए जाएंगे। अभी तक बच्चों को प्रत्येक सत्र में यह चीजें विभाग की ओर से मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती थीं। इनके लिए अलग-अलग प्रक्रिया अपनाई जाती थी। इसमें भ्रष्टाचार के अलावा इन सामानों की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें मिलती थीं। इन चीजों को समय से उपलब्ध कराने की भी चुनौती रहती थी।

अब धनराशि सीधे बैंक खातों में भेजे जाने पर भ्रष्टाचार पर अंकुश तो लगेगा ही, अभिभावक अपनी संतुष्टि के अनुसार यह चीजें खरीद सकेंगे। बच्चों को समय से यह सुविधाएं मिलने से उनकी उपस्थिति व सीखने-सिखाने के वातावरण में सुधार होगा। कक्षा के अनुसार दक्षता प्राप्त करने के लिए अधिक अवसर मिल सकेगा। इस व्यवस्था से राज्य, जिला व ब्लाक स्तरीय प्रशासनिक अधिकारी वस्तुओं की आपूर्ति प्रक्रिया से मुक्त होकर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर अधिक ध्यान देने की स्थिति में होंगे। डीबीटी के माध्यम से धनराशि ट्रांसफर होने से पारदर्शी व्यवस्था स्थापित हो सकेगी तथा भेजी गई रकम का ऑडिट ट्रेल रहेगा।

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