Yogi Adityanath Cabinet Meeting: पदोन्नति से भरेंगे कुलसचिव व सहायक कुलसचिव के 50 फीसद पद
उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (केंद्रीयित) सेवा नियमावली 1975 में संशोधन पर मुहर। कुलसचिव के 50 प्रतिशत पद उप कुलसचिव की पदोन्नति करके भरे जायेंगे। कार्यालय अधीक्षक व कार्यालय अधीक्षक (लेखा) की पदोन्नति से भरेंगे सहायक कुलसचिव के 50 फीसद पद।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। राज्य विश्वविद्यालयों में कुलसचिव व सहायक कुलसचिव के पदों पर चयन का मानक बदल गया है। दोनों पदों पर 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से और इतने ही पद संबंधित संवर्ग की पदोन्नति से भरे जाएंगे। इस कदम से छात्र-छात्राओं की प्रवेश-परीक्षा और परिणाम जारी करने में तेजी आएगी। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने उच्च शिक्षा के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
उपमुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री डा.दिनेश शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (केंद्रीयित) सेवा के तहत कुलसचिव के 50 प्रतिशत पद उप कुलसचिव से और सहायक कुलसचिव के 50 प्रतिशत पद विश्वविद्यालय के कार्यालय अधीक्षक व कार्यालय अधीक्षक (लेखा) संवर्ग की पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने हैं। उन्होंने बताया कि सेवा नियमावली 1975 के तहत कुलसचिव, उप कुलसचिव और सहायक कुलसचिव के वर्तमान में 140 पदों में से 65 रिक्त हैं। कुलसचिव के 50 प्रतिशत पदों को पदोन्नति के माध्यम से भरे जाने का प्रविधान सेवा नियमावली में किए जाने के बाद पदोन्नति के कम से कम दो अवसर संबंधित संवर्ग यानी सहायक कुलसचिव के पद पर कार्यरत अधिकारियों को मिलेंगे। ज्ञात हो कि अभी तक 33 प्रतिशत पद ही पदोन्नति से भरे जाने का नियम रहा है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अनुभव का पूर्ण उपयोग कुलसचिव के शीर्ष पद पर तैनात होने से विश्वविद्यालय को मिल सकेगा। साथ ही विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्य तेजी से होने से व शिक्षा के गुणात्मक विकास में अपेक्षित परिणाम मिल सकेंगे। इसके अलावा संबद्धता के प्रकरणों का निस्तारण, समय से छात्रों का प्रवेश व परीक्षा कराकर परिणाम समय पर घोषित करने, अंक पत्र व प्रमाण पत्र शीघ्रता से जारी होने जैसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यों में भी तेजी आएगी।
जल निगम के 1500 कर्मियों का जल्द मिलेगा बकाया : प्रदेश सरकार ने जल निगम के करीब 1500 कर्मचारियों का बकाया देने के लिए 700 करोड़ रुपये की व्यवस्था कर ली है। इसमें 500 करोड़ रुपये पंचायती राज विभाग और 200 करोड़ रुपये नगर विकास विभाग देगा। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नगर विकास विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
प्रदेश सरकार ने जल निगम को ग्रामीण और शहरी दो हिस्सों में बांटने का निर्णय किया है। इसलिए इनके 1238 कर्मियों को नगरीय निकायों में समायोजित करने और मृतक आश्रित कोटे के 263 कर्मियों को निकायों में नौकरी दी जा रही है। जल निगम के इन कर्मियों का 953 करोड़ रुपये बकाया है। जल निगम का पंचायती राज विभाग पर करीब 500 करोड़ रुपये बकाया है। कैबिनेट की बैठक में तय हुआ कि पंचायती राज विभाग 500 करोड़ रुपये प्रदान करेगा। इसके अलावा नगर विकास विभाग राज्य वित्त आयोग से 200 करोड़ रुपये जल निगम को देगा। इससे कर्मचारियों के बकाये का भुगतान जल्द किया जाएगा।