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लखनऊ : ऐशबाग में झीलों को साफ करने के प्रयास दिखा रहे रंग

लखनऊ श्रमदान का असर साफ निकला यमुना और मोतीझील का पानी। पानी की शुद्धता आंकने की मशीन टीडीएस मीटर से जांची शुद्धता। जमुना झील के पानी का टीडीएस 306 और मोतीझील का टीडीएस 274 अंक पाया गया है।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Mon, 14 Dec 2020 06:40 PM (IST)Updated: Mon, 14 Dec 2020 06:40 PM (IST)
लखनऊ :  ऐशबाग में झीलों को साफ करने के प्रयास दिखा रहे रंग
लखनऊ : श्रमदान का असर साफ निकला यमुना और मोतीझील का पानी।

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी लखनऊ में स्थानीय लोगों के श्रमदान का नतीजा ये निकला कि जमुना और मोतीझील का पानी इतना अधिक प्रदूषण होने के बावजूद भी साफ पाया गया है। तय मानकों के हिसाब से ही इसमें ऑक्सीजन और डिजाल्व ऑक्सीजन मिली है। दोनों झीलों का सफाई अभियान स्थानीय नागरिक चला रहे हैं। स्थानीय नागरिक दीपावली से प्रत्येक रविवार और शनिवार को झील की सफाई के लिए श्रमदान कर रहे हैं। इस सफाई के दौरान विगत शनिवार को पानी की शुद्धता मांपने की मशीन टीडीएस मीटर के जरिये पानी की स्वचछता का आंकलन किया गया, जिसके बाद में पाया गया कि जमुना झील के पानी का टीडीएस 306 और मोतीझील का टीडीएस 274 अंक पाया गया है।

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टीडीएस मीटर का उपयोग पानी की शुद्धता को जांचने के लिए किया जाता है। इसके माध्यम से पता लगाया जाता है कि पानी शुद्ध है या नहीं और पीने योग्य है या नहीं। ये एक प्रमाणित यंत्र है। इस श्रमदान में सहयोग करने वाले कुछ चिकित्सकों ने इस यंत्र से दोनों झीलों के पानी की शुद्धता को मापा है। जिसके बाद पानी पीये जाने के स्तर तक साफ पाया गया है।

इस संबंध में डब्ल्यूएचओ के मानक

  • पानी में 300 से कम टीडीएस है तो उसे पीने योग्य माना जाता है।
  • 300 से 600 के बीच की टीडीएस को बेहतर माना जाता है।
  • 600 से 900 के बीच के टीडीएस को साफ माना जाता है।
  • 1200 से ज्यादा के टीडीएस वाले पानी को खराब माना जाता है।

झील के उद्धार में उठ रहे हाथ

झील का उद्धार करेंगे, प्रत्येक रविवार करेंगे नारों के बीच झील बचाओ अभियान के बैनर तले जमुना और मोतीझील में लोग श्रमदान करें। इस श्रमदान के लिए लोगों ने आपसी सहयोग से झील साफ करने के लिए आवश्यक सामान की खरीदारी भी की जा रही है और उन्ही उपकरणों से प्रत्येक रविवार झील को स्वच्छ करने की मुहिम भी तेजी पकड़ रही है। श्रमदान का छठवां सप्ताह था जिसमे लोगों ने अपनी मेहनत मशक्कत से झील में उगी आदमकद जलकुंभी व क्विंटलों गाद निकाली गई।

अभियान से जुड़े लोगों का कहना है जब तक हमारी मोतीझील और यमुना झील का कल्याण नही होगा तब तक हम श्रमदान जारी रखेंगे। यमुनाझील में श्रमदान हेतु गणेश कन्नौजिया, गौरव, अमन त्रिपाठी, आशीष मिश्र, आयुष सिंह, अजय त्रिपाठी, श्याम मोहन तिवारी, जितेंद्र गांधी, अंजनी सिंह, अमन कश्यप, नीरज सिंह, सीपी सिंह, अखिलेश कुमार, शरद तिवारी, नवीन विरमानी, टिंकू मारवाड़ी, सुमित अग्रवाल, उमाशंकर, रोहित शर्मा, विराज दीक्षित, शुभम कुमार, अमित वर्मा, सुमित गुप्ता, सुनील पांडेय, धमेन्द्र यादव, अनूप, टीटू आदि लोगों ने लिया हिस्सा।


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