World Tourism Day 2019- विश्व पर्यटन दिवस : उत्सवों की उमंग से पर्यटन को लगे पंख
इसके बाद तो अयोध्या में दीप जले काशी में घंटा-घडिय़ाल तेज हुए और बरसाने से अबीर-गुलाल की सुगंध ऐसी उठी कि उत्सवों की उमंग में पर्यटक झूमने लगे।
लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। 'यूपी नहीं देखा तो कुछ भी नहीं देखा..।' ढाई साल से लगातार गूंज रहे सरकार के इस गुमान का वास्ता न ताज के संगमरमरी हुस्न से था, न लखनऊ के एतिहासिक इमामबाड़े से और न ही सूबे के किसी मुगल या ब्रिटिशकालीन स्मारक से। सरकार उत्तर प्रदेश में भारत की तस्वीर दिखाना चाहती थी।
सरकार की मंशा योजनाओं में ढली। इसके बाद तो अयोध्या में दीप जले, काशी में घंटा-घडिय़ाल तेज हुए और बरसाने से अबीर-गुलाल की सुगंध ऐसी उठी कि उत्सवों की उमंग में पर्यटक झूमने लगे और विदेशी धरती से भी तेज हो गई यूपी को देखने की रफ्तार।
उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास हर सरकार ने किया है। इससे पहले अखिलेश यादव सरकार ने तमाम स्मारकों के आसपास सुविधाओं का विकास किया तो वर्तमान योगी आदित्यनाथ सरकार पर्यटन विकास के एजेंडे पर चली। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही पर्यटन विभाग की सूची में पर्यटन स्थलों की प्राथमिकता में कुछ तब्दीलियां हुईं। अन्य क्रियाकलापों से ज्यादा जोर धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन को प्रोत्साहन देने पर रहा।
लिहाजा, प्रदेश में जिन महत्वपूर्ण स्थलों पर श्रद्धालु ही पहुंचते थे, वहां के प्रति सैलानियों को आकर्षित करने के लिए पारंपरिक अवसरों को उत्सव का रूप दिया गया। मसलन, अयोध्या में भव्य दीपोत्सव, मथुरा में जन्माष्टमी पर कृष्णोत्सव, बरसाना में होली पर रंगोत्सव और बनारस में देव दीपावली और गंगा महोत्सव जैसे आयोजनों की शुरुआत योगी सरकार ने की। इससे एक माहौल बना और आस्था के यह केंद्र पर्यटन स्थल के स्वरूप में भी ढले। देश के साथ ही विदेशी सैलानियों की संख्या भी दो-ढाई साल में बढ़ी।
कैसे बढ़ी पर्यटकों की रफ्तार
अयोध्या (दीपोत्सव)
वर्ष देशी विदेशी कुल
2016 15482456 20979 15503435
2017 17549633 23926 17573559
2018 19217571 27043 19244614
मथुरा (रंगोत्सव)
वर्ष देशी विदेशी कुल
2016 6630000 25100 6655100
2017 7226700 26605 7253305
2018 7660300 27910 7688210
बरसाना (रंगोत्सव)
वर्ष देशी विदेशी कुल
2016 3316000 1950 3317950
2017 3614440 2070 3616510
2018 3885400 2200 3887600
वाराणसी (देव दीपावली)
वर्ष देशी विदेशी कुल
2016 5600146 312519 5912665
2017 5947355 334708 6282063
2018 6095890 348970 6444860
लखनऊ (लखनऊ महोत्सव)
वर्ष देशी विदेशी कुल
2016 4870127 58716 4928843
2017 4999940 61253 5061193
2018 9887997 65618 9953615
मथुरा (कृष्णोत्सव-जन्माष्टमी)
वर्ष देशी विदेशी कुल
2016 6630000 25100 6655100
2017 7226700 26605 7253305
2018 7660300 27910 7688210
ब्रांडिंग पर पूरा जोर
प्रदेश में पर्यटकों की आमद को आसमान पर प्रयागराज कुंभ ने पहुंचाया। योगी सरकार ने व्यवस्थाओं के साथ ही कुंभ की ब्रांडिंग पर पूरा जोर दिया। यही वजह है कि कुंभ स्नान को आने वालों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई। कह सकते हैं कि कुंभ में तो पर्यटन का सागर ही समा गया था। सरकार का दावा है कि 2013 के कुंभ में 7 करोड़ 86 लाख 65 हजार 500 श्रद्धालु आए थे, जबकि 2019 में 24 करोड़ 5 लाख श्रद्धालु पहुंचे। इनमें विदेशियों की संख्या पहले साढ़े तीन लाख थी, जबकि इस वर्ष 10 लाख 30 हजार।
ताज महोत्सव में मामूली बढ़त
वर्ष देशी विदेशी कुल
2016 8970126 1362791 10332917
2017 8654418 1614588 10269006
2018 8949879 1678559 10628435।