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यूपी में बिजली इंजीनियरों का कार्य बहिष्कार जारी, बोले-समाधान के लिए ऊर्जा मंत्री करें हस्तक्षेप

समस्याओं का समाधान न होने व पावर कारपोरेशन प्रबंधन की कार्यवाहियों के विरोध में गुरुवार को दूसरे दिन भी बिजली अभियंताओं का एक घंटे का कार्य बहिष्कार जारी रहा। सभी जिला मुख्यालयों परियोजनाओं सहित शक्तिभवन पर विरोध सभाएं की गई। शुक्रवार को भी कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।

By Vikas MishraEdited By: Published: Fri, 08 Oct 2021 08:17 AM (IST)Updated: Fri, 08 Oct 2021 01:42 PM (IST)
यूपी में बिजली इंजीनियरों का कार्य बहिष्कार जारी, बोले-समाधान के लिए ऊर्जा मंत्री करें हस्तक्षेप
अभियंता संघ ने समस्याओं के निराकरण के लिए ऊर्जा मंत्री व मुख्यमंत्री से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की है।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। समस्याओं का समाधान न होने व पावर कारपोरेशन प्रबंधन की कार्यवाहियों के विरोध में गुरुवार को दूसरे दिन भी बिजली अभियंताओं का एक घंटे का कार्य बहिष्कार जारी रहा। सभी जिला मुख्यालयों, परियोजनाओं सहित शक्तिभवन पर विरोध सभाएं की गई। शुक्रवार को भी कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। अभियंता संघ ने समस्याओं के निराकरण के लिए ऊर्जा मंत्री व मुख्यमंत्री से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की है।

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अभियंता संघ के महासचिव प्रभात सिंह ने बताया कि बिजली अभियंता बेहतर उपभोक्ता सेवा देने व राजस्व वसूली बढ़ाने के लिए जुटे हैं, किंतु कारपोरेशन प्रबंधन की कार्यशैली से सभी परेशान हैं। वितरण व पारेषण क्षेत्रों व विद्युत उत्पादन गृहों पर आवश्यक सामग्री उपलब्ध नहीं है, वहीं लंबित समस्याओं का समाधान न होने से व लगातार हो रही उत्पीडऩ की कार्यवाहियों से नाराजगी है। विद्युत अभियंता संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर आगामी त्योहारों में प्रदेश की जनता को निर्बाध बिजली आपूर्ति कराने का अनुरोध किया है। 11 अक्टूबर से दो घंटे का कार्यबहिष्कार होगा। 

16वें दिन भी पावर आफीसर्स एसोसिएशन ने किया ज्यादा कामः उत्तर प्रदेश पावर आफीसर्स एसोसिएशन के सदस्य 16 दिनों से तय समय से एक घंटा अधिक काम करते आ रहे हैं। इसीलिए प्रदेश में विद्युत आपूर्ति सामान्य है, कुछ जगहों पर व्यवधान थे जिसे अभियंताओं ने ठीक कर उपभोक्ताओं को अच्छी सेवा दी है। एसोसिएसन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष एसपी सिंह, महासचिव अनिल कुमार ने सभी अभियंताओं को निर्देश दिया है कि वे बिजली कंपनियों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए किसी भी स्तर पर फिजूलखर्ची से बचें।


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