CAA-NRC Protest in Lucknow : मुसलमानों को बचाने की नहीं, यह संविधान बचाने की लड़ाई है: दारापुरी
CAA/ NRC Protest in Lucknow पुलिस पर कंबल छीनने और बदसलूकी का लगाया आरोप। धारा 144 लागू होने के बावजूद धरना देने वाले अज्ञात प्रदर्शनकारियों पर हुई एफआइआर।
लखनऊ, जेएनएन। CAA- NRC Protest in Lucknow : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ लगातार चौथे दिन भी महिलाओं का विरोध प्रदर्शन जारी है। महिलाएं बच्चों के लगातार एतिहासिक घंटाघर पर डटीं हैं। उनकी मांगे हैं कि जब तक सरकार सीएए और एनआरसी के फैसले को वापस नहीं लेगी, वे विरोध करती रहेंगी। वहीं दोपहर में पूर्व आइपीएस दारापुरी और एक्टिविस्ट सदफ जाफर भी पहुंची। दारापुरी ने कहा कि धर्म निरपेक्षता का सिद्धांत केवल मुसलमानों को बचाने की नहीं बल्कि संविधान को बचाने की लड़ाई है। आज अगर ये सरकार संविधान का उल्लंघन कर ये काला कानून ला सकती है तो कल को क्या गारंटी है की वो कोई दूसरा कानून नहीं लाएगी।
दारापुरी ने कहा कि धर्म जाति स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है, दूसरा हमारा संविधान भी कहता है कि हमारे देश में धर्म निरपेक्षता है, सभी नागरिकों को अपने अपने धर्म को मानने का अधिकार है। परंतु आज धर्म के आधार पर एक खास वर्ग को नागरिकता के अधिकार से वंचित कर रहे हैं। दूसरा धर्म निरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लघंन कर रहे हैं। सरकार बड़े बड़े पोस्टर लगा रही है और आरएसएस और भाजपा के लोग झंडे लेकर सड़कों पर पर्चे बांट रहे हैं। वो कह रहे हैं ये कानून नागरिकता देने का है लेने का नहीं है। सुनने में ये बात बहुत अच्छी लग रही है, लेकिन उसमें चाल क्या है। चाल ये है कि हम उन लोगों को नागरिकता देंगे, लेकिन मुसलमानों को नहीं। वहीं हमारा ऐतराज है और हमारी आपत्ती है। धर्म निरपेक्षता का सिद्धांत केवल मुसलमानों को बचाने की नहीं बल्कि संविधान को बचाने की लड़ाई है। आज अगर ये सरकार संविधान का उल्लंघन कर ये काला कानून ला सकती है तो कल को क्या गारंटी है की वो कोई दूसरा कानून नहीं लाएगी। आज मुसलमानों को अलग किया जा रहा है पहले वो ईसाईयों को अलग कर चुके हैं फिर वो दलितों को अलग करेंगे।
धारा 144 लागू, अज्ञात प्रदर्शनकारियों पर FIR
शनिवार रात में पुलिस ने धारा 144 लागू किया था। नियम के विपरित प्रदर्शन के आरोप में पुलिस ने अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ठाकुरगंज थाने में एफआइआर दर्ज की है। अपर पुलिस उप आयुक्त पश्चिमी विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक वीडियो और फोटो के आधार पर प्रदर्शनकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
महिलाओं का पुलिस पर कंबल छीनने का आरोप, बुझाए अलाव
वहीं, सर्दी में रात गुजार रहीं प्रदर्शनकारी महिलाओं ने पुलिस पर कंबल छीनने का आरोप लगाया। पहले रविवार को बच्चियों ने पुलिसकर्मियों को फूल देकर उनका सहयोग मांगा। हाथों में गुलाब लेकर बच्चियां... पुलिस हमसे बात करो, न कि घूसा लात करो का नारा लगा रही थीं। बीती रात पुलिस द्वारा कंबल छीन अलाव में पानी डालने को लेकर महिला प्रदर्शनकारियों ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस उनकी आवाज को दबाने के लिए तरह-तरह से जुल्म कर रही है। पार्क में बने शौचालय में ताला डालने के बाद पुलिस प्रदर्शनकारियों से उनके कंबल छीन रही है। इसके अलावा खाना देने वाले उनके लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर धमका रही है।
महिलाओं के साथ अभद्रता का आरोप
दोपहर में जेल से छूटे रिहाई मंच के अध्यक्ष एडवोकेट मोहम्मद शोएब भी प्रदर्शनकारी महिलाओं के समर्थन में घंटाघर पार्क पहुंचे। प्रदर्शन में शामिल सुमैया राना व इरम रिजवी ने बीती रात पुलिस की बर्बरता पर कड़ा एतराज जताया। उन्होंने कहा कि पुलिस शांतिपूर्ण धरने को हिंसात्मक बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने पुलिस पर प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ अभद्रता करने का भी आरोप लगाया। वहीं, पुलिस ने सभी आरोपों को खारिज किया है।