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Lucknow University Update: लखनऊ विश्वविद्यालय में बना महिला विकास केंद्र, प्रो. निशी पांडे बनीं निदेशक

लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि महिला विकास केंद्र में विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ की जानकारी महिलाओं को दी जाएगी। साथ ही महिलाओं को हर तरह की व्यवहारिकता से अवगत भी कराया जाएगा।

By Rafiya NazEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 08:18 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 07:28 AM (IST)
Lucknow University Update: लखनऊ विश्वविद्यालय में बना महिला विकास केंद्र, प्रो. निशी पांडे बनीं निदेशक
लखनऊ विश्वविद्यालय में महिला विकास केंद्र की पहली निदेशक के रूप में प्रोफेसर निशी पांडे को नियुक्त किया गया है।

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विश्वविद्यालय ने गुरुवार को एक नवीन महिला विकास केंद्र की स्थापना की। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने इस केंद्र की पहली निदेशक के रूप में प्रोफेसर निशी पांडे को नियुक्त किया है। कुलाधिपति के निर्देशानुसार यह महिला विकास केंद्र औपचारिक कोर्स संचालित करने का केंद्र नहीं होगा, बल्कि यहां पर बालिकाओं और महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वाभिमान, आर्थिक स्वाबलंबन आदि की ओर प्रेरित करने का प्रयास किया जाएगा।

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कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि इस केंद्र में विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ की जानकारी महिलाओं को दी जाएगी। साथ ही व्यवहारिकता से अवगत भी कराया जाएगा। महिलाओं को तकनीकी संसाधनों के प्रयोग के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के उत्थान एवं विकास के लिए कार्य किया जाएगा। उनसे घुल मिलकर उनकी समस्याओं को समझने व उन्हें दूर करने के लिए उन्हें सशक्त बनाने की कोशिश की जाएगी।

परंपरागत कुरीतियों से महिलाओं को करेंगे जागरुक: कुलपति के मुताबिक इस विकास केंद्र का एक दायित्व यह भी होगा कि महिलाओं के विरुद्ध समाज में व्याप्त परंपरागत कुरीतियों से उन्हें जागरुक किया जाएगा। इसी संदर्भ में लखनऊ विश्वविद्यालय एक गांव को भी अंगीकृत (गोद लेगा) करेगा और नियमित कार्यशालाओं का आयोजन करेगा, जिसमें महिला सुरक्षा संबंधित सभी आयामों पर कार्य किए जाएंगे।

विश्वविद्यालय तैयार कर रहा परिसर में पढ़ने वाले छात्रों का डेटा बेस: शिया पीजी कालेज के बाद अब लखनऊ विश्वविद्यालय भी अपने उन छात्र-छात्राओं की मदद करेगा जिनके माता-पिता का कोरोना से निधन हो गया है। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐसे छात्र-छात्राओं का डेटा बेस तैयार करना शुरू कर दिया है।

अधिष्ठाता छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर ना केवल उत्तर प्रदेश पर, बल्कि पूरे भारतवर्ष पर एक बहुत बड़े खतरे के रूप में आज भी मंडरा रहा है। प्रदेश भर में कई लोगों की जान इस महामारी की वजह से गई है। इसलिए विश्वविद्यालय उन छात्रों की सूची बना रहा है, जिन्होंने कोविड-19 के वजह से अपने माता, पिता या दोनों को खोया है। यह विचार किया जा रहा है कि ऐसे छात्रों की क्या मदद की जाए।


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