सीएम से मिलने गईं महिलाओं का पुलिस पर पीटने का आरोप, बोली- कपड़े भी फाड़े
मुख्यमंत्री आवास के बाहर पुलिस की पिटाई का शिकार हुई महिलाएं सिविल अस्पताल में भर्ती। पीड़ित परिवार थानों से लेकर अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं कर रही। पुलिस का पिटाई से इंकार।
लखनऊ [जागरण संवाददाता]। यहां शुक्रवार को मुख्यमंत्री से मिलने गईं दो महिलाओं की पुलिस ने पिटाई कर दी। महिलाओं ने कपड़े फाड़ने का भी आरोप लगाया है। दोनों सगी बहनें हैं और मुख्यमंत्री से मिलने के लिए छह घटे से इंतजार कर रही थीं। घटना के बाद दोनों को सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। उनका मेडिकल हो रहा है। वहीं, पुलिस का कहना है कि महिलाओं को नहीं पीटा गया है, मुख्यमंत्री के न होने पर उन्हें आवास के बाहर से हटाया गया था। क्या है पूरा मामला?
राजाजीपुरम निवासी राजेंद्र कुमार पाडेय की पत्नी रश्मि अपनी बहन पूनम के साथ शुक्रवार (20 अप्रैल)दोपहर मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास गईं थीं। रश्मि के मुताबिक, करीब दो वर्ष पूर्व वह एक स्कूल में शिक्षिका थीं, जहा प्रधानाचार्य ने उनसे अभद्रता, मारपीट व गालीगलौज की थी, विरोध पर जान से मारने की धमकी दी थी। जिसपर उन्होंने आरोपित प्रधानाचार्य के खिलाफ कैसरबाग कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया था, लेकिन संबंधित मुकदमे में रसूखदार प्रधानाचार्य के दबाव में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। आरोपित ने रश्मि व उनके परिवार पर कई फर्जी मुकदमे लिखा दिए। रश्मि व उनका परिवार थानों से लेकर अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट रहा है, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही, विवेचना के दौरान संबंधित मुकदमे में विवेचक ने गलत रिपोर्ट भी लगा दी। पुलिस पर लगाए ऐसे आरोप
आरोपित के खिलाफ कार्रवाई व अपने फर्जी मुकदमों को खत्म कराने के लिए रश्मि अपनी बहन के साथ मुख्यमंत्री से मिलने गईं थीं। उनका आरोप है कि यहा मौजूद गौतमपल्ली थाने के पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ उनके और बहन के साथ मारपीट की बल्कि कपड़े भी फाड़ डाले। साथ ही गालीगलौज भी की गई। क्या कहना है पुलिस का?
सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक, महिलाओं को पुलिस ने नहीं पीटा है, मुख्यमंत्री के न होने पर उन्हें आवास के बाहर से हटाया गया था।