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आधुनिक आइसीसीसी से रखी जा सकेगी शहर पर नजर

खाका खींचा : डी डिमिस्टिफाइंग इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पर विशेषज्ञों ने व्यक्त की राय, नया रायपुर, अहमदाबाद व मध्य प्रदेश को बताया आइडियल

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Jul 2018 01:08 PM (IST)Updated: Sat, 28 Jul 2018 01:08 PM (IST)
आधुनिक आइसीसीसी से रखी जा सकेगी शहर पर नजर
आधुनिक आइसीसीसी से रखी जा सकेगी शहर पर नजर

लखनऊ (जागरण संवाददाता)। शहर पर नजर रखने के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर आइसीसीसी बनाना जरूरी है। पानी, बिजली के मीटर, बसों में ट्रैकिंग सिस्टम, सीसीटीवी सिस्टम के जरिए अपनी सेवाओं को बेहतर करने के साथ ही हम शहर पर नजर रख सकते हैं। पब्लिक को सुविधाएं मिलने के साथ ही समस्याओं का निराकरण भी एक छत से करने का प्रयास स्मार्ट सिटी के अंतर्गत आने वाले शहरों ने शुरू कर दिया है।

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इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ट्रांसफार्मिग अर्बन लैंड स्कैप के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत व स्मार्ट सिटी मिशन की तीसरी वर्षगांठ पर अलग-अलग राज्यों से आए सीईओ ने व्यक्त की। नया रायपुर से आए सलिल श्रीवास्तव ने बताया कि पानी, संचार व बिजली नेटवर्क का जाल भूमिगत बिछाया जा चुका है। सिर्फ छह माह के लिए कंसलटेंट नियुक्त किया गया और उससे राय लेकर प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। आज बिजली के क्षेत्र में स्काडा के चलते लाइन लांस पर नियंत्रण के साथ ही 55 किलोमीटर रूट पर एलइडी का काम किया गया है। इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम के जरिए बसों की आनलाइन ट्रैकिंग व शिकायतों का निस्तारण करने में मदद मिल रही है।

वडोडरा से आए नगर निगम के सीईओ एसके पटेल ने बताया कि फ‌र्स्ट ट्रैक पर 70 करोड़ स्मार्ट सिटी पर खर्च किए जा चुके हैं। पटेल ने बताया कि फरवरी 2017 में इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम को बनाने का काम शुरू किया गया था और अक्टूबर 2017 में पीएम द्वारा उद्घाटन कर दिया गया। उन्होंने कहा कि हर काम की तिथि निर्धारित होनी चाहिए। स्पष्ट करना होगा कि इस तिथि को सीएम या पीएम से इसका उद्घाटन होना है। तभी पूरा सिस्टम उस ओर फोकस करेगा।

मध्य प्रदेश से आए विवेक अग्रवाल ने बताया कि मध्य प्रदेश में सात शहरों को स्मार्ट सिटी के लिए चुना गया था। हम लोगों ने एक साथ उनके टेंडर किए। अग्रवाल ने बताया कि इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम क्लाउड बेस वर्क कर रहा है। स्मार्ट पार्किंग, सर्विलांस, तकनीकी के सहारे हम पब्लिक को सुविधाएं दे सकते हैं। इन शहरों को स्मार्ट बनाने पर अब तक मध्य प्रदेश 608 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है। वहीं इलेक्ट्रानिक इंजीनियर किशोर नारंग ने इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम का रोल सबसे महत्वपूर्ण बताया।

अहमदाबाद से आए डिप्टी सीईओ राकेश शंकर शहर में एक ही डक्ट में जियो, वोडाफोन व बीएसएनएल लाइनें पड़ी हैं। बेहतर कनेक्टिविटी उपभोक्ताओं को मिल रही हैं। तीन सौ करोड़ से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को रफ्तार देने का काम किया गया है। शहर में डेढ़ लाख एलईडी लगाने के साथ ही स्काडा प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने के साथ ही इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम को मार्डन बनाया गया है। अंडरग्राउंड डिस्ट्रीब्यूशन केबलिंग एंड रि लोकेशन ऑफ ट्रांसफार्मर पर अधिकांश काम हो चुका है। सेफ्टी एंड सिक्यूरिटी, स्मार्ट सॉल्यूशन फार एक्जस्टिंग पार्किंग, स्मार्ट बस शेल्टर, पेडेस्ट्रीयन इंफ्रा एंड स्ट्रीट फर्नीचर, सेनिटेशन पब्लिक कम्यूनिटी टॉयलेट, ब्यूटिफिकेशन ऑफ पार्क/ग्रीन एंड इस्टेबिलिशिंग ऑफ ओपेन जिम एंड वाई फाई हास्पिटल पर काफी काम हुआ है।


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