यूपी में अब ई-पॉप मशीनों से होगी गेहूं और धान की खरीद, किसानों का आधार से होगा बायोमीट्रिक सत्यापन
यूपी सरकार के मंत्री धुन्नी सिंह ने गुरुवार को लोकभवन में पत्रकार वार्ता में अपने विभाग की उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न की उठान व वितरण की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश सरकार गेहूं और धान खरीद से बिचौलियों को पूरी तरह बाहर करने के लिए ई-पॉप (प्वाइंट ऑफ परचेज) मशीनों से खरीद करेगी। खरीद के समय किसानों का आधार के जरिये बायोमीट्रिक सत्यापन किया जाएगा। बायोमीट्रिक पहचान होने के बाद ही किसानों से गेहूं व धान खरीदा जाएगा। खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह ने बताया कि इस बार धान व गेहूं की रिकॉर्ड खरीद हुई है।
यूपी सरकार के मंत्री धुन्नी सिंह ने गुरुवार को लोकभवन में पत्रकार वार्ता में अपने विभाग की उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न की उठान व वितरण की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। इसके तहत खाद्यान्न आवंटन के साथ गोदामों से उठान एवं वितरण की भी ऑनलाइन फीडिंग कराकर निगरानी की जा रही है। उचित दर दुकानों में ई-पॉस मशीनों के जरिये सत्यापन कर खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। इस व्यवस्था से वितरण प्रणाली पारदर्शी हो गई है। इससे दिसंबर 2020 तक 2738 करोड़ रुपये की खाद्यान्न सब्सिडी की बचत हुई है।
धुन्नी सिंह ने कहा कि सरकार ने निशक्तजनों को उनके घर पर राशन उपलब्ध कराने की पहल की है। इसके तहत बीमार, वृद्ध, असहाय व दिव्यांगजन आदि लाभार्थी जो राशन की दुकानों तक नहीं जा सकते हैं, उन्हें घर तक खाद्यान्न पहुंचाया जाता है। वर्तमान में यह सुविधा 8370 लाभार्थियों को मिल रही है। उन्होंने बताया कि इस बार 55 लाख मीट्रिक टन धान खरीद के लक्ष्य के सापेक्ष 64.75 लाख मीट्रिक टन धान खरीद हुई।
गड़बड़ी करने वालों पर 81 एफआइआर : खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि धान खरीद में गड़बड़ी करने वालों पर इस बार 81 एफआइआर दर्ज की गई हैं। इनमें ज्यादातर वह लोग हैं जो क्रय केंद्रों से गायब थे। कई जगह बिचौलियों के साथ मिलकर काम हो रहा था। कुल मिलाकर 55 कर्मचारियों का निलंबन किया गया है। 19 कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई चल रही है। 1108 को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। 41 कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। इस मामले में पांच गिरफ्तारियां भी हुई हैं।