राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में गूंजेगी मालविका हरिओम की आवाज, करेंगी लखनऊ का प्रतिनिधित्व
पहली बार इस आयोजन का हिस्सा बनने पर मालविका हरिओम ने कहा कि पिता स्व. सत्यपाल नांगिया हास्य व्यंग्य का बड़ा नाम रहे हैं। उन्हें काका हाथरसी पुरस्कार भी मिला। उन्होंने कई बार इस आयोजन को अपने काव्यमयी सुरों से सजाया है।
लखनऊ, जेएनएन। हिंदी अकादमी, दिल्ली द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष होने वाले राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में इस बार डॉ. मालविका हरिओम लखनऊ का प्रतिनिधित्व करेंगी। 19 जनवरी को दोपहर 4:30 बजे से कार्यक्रम होगा। आयोजन की अपनी गौरवशाली परंपरा रही है। हिंदी भाषा के सुप्रतिष्ठित कवि रामधारी सिंह दिनकर, मैथिलीशरण गुप्त, शिवमंगल सिंह सुमन जैसे कवियों ने काव्य पाठ कर इस मंच को गौरवांतित किया है। पहली बार इस आयोजन का हिस्सा बनने पर मालविका हरिओम ने कहा कि पिता स्व. सत्यपाल नांगिया हास्य व्यंग्य का बड़ा नाम रहे हैं। उन्हें काका हाथरसी पुरस्कार भी मिला। उन्होंने कई बार इस आयोजन को अपने काव्यमयी सुरों से सजाया है। अब मेरा नाम भी इससे जुड़ गया है, गर्व की अनुभूति हो रही।
मालविका हरिओम ने बताया कि वह अपनी रचना वतन का नाम लेते हैं, वतन की बात करते हैं, हमारी जान है भारत, इसी भारत पे मरते हैं... के जरिए देशभक्ति का संदेश देंगी। साथ ही कोरोना काल पर केंद्रित कविता भागती सी जा रही है जिंदगी... का भी पाठ करेंगी। पिछले दस वर्षों से काव्य पाठ और गायन में सक्रिय मालविका हरिओम कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय (दुबई, कतर आदि) मंचों पर काव्य पाठ कर चुकी हैं।
लोक-गायिका तथा गजल गायिका के रूप में आकाशवाणी तथा दूरदर्शन लखनऊ में विभिन्न कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी है। 'रानी लक्ष्मीबाई सम्मान' के साथ ही लोक-गायन के लिए ‘अवध सम्मान’, ‘तुलसी गौरव सम्मान’ भी मिल चुका है। इसके अलावा ‘स्वयं सिद्धा सम्मान’, ‘रेवांत सम्मान’, ‘आगमन सम्मान’, ‘सृजन सम्मान’, ‘साहित्य सुगंधा सम्मान’, 'महादेवी वर्मा सम्मान', 'इंदिरा सम्मान', सुभद्रा कुमारी चौहान सम्मान तथा अटल सम्मान से भी विभूषित हैं। शोध पर आधारित दो पुस्तकें 'मन्नू भंडारी और आपका बंटी' , 'यथार्थवाद और जगदीश चंद्र के उपन्यास' प्रकाशित हैं।