Barabanki family murder and suicide case: विवेक की थी अंतिम इच्छा...सरकारी खर्च पर किया जाए अंतिम संस्कार
बाराबंकी फैमिली मर्डर व सुसाइड केस में विवेक ने डायरी में किया था जिक्र परिवारजन को शव न देने की भी थी अपील।
बाराबंकी [निरंकार जायसवाल]। पत्नी और तीन बच्चों की हत्या के बाद विवेक ने जान देने से पहले अपनी डायरी में अंतिम इच्छा लिखी थी। उसने लिखा था कि मेरा और मेरे परिवार का अंतिम संस्कार सरकारी खर्च पर कराया जाए। मेरे घर वालों को हमारे शव न दिए जाएं। हालांकि अंतिम संस्कार पिता ने विधि विधान के साथ किया।
हत्या का दिया तर्क : विवेक ने लिखा था कि मेरे बाद बच्चों की जिम्मेदारी कौन उठाएगा, इसलिए अपने फूल जैसे बच्चों को मारना पड़ा और अगर मैं अकेला जान दे देता तो मेरी पत्नी भी स्वयं को मार लेती। इसलिए इनकी हत्या की और स्वयं को भी उतना ही दर्द देना चाहता हूँ।
यह भी पढ़ें: UP के बाराबंकी में तीन मासूमों समेत पत्नी की निर्मम हत्या, Suicide नोट लिख पति ने लगाई फांसी
यह भी पढ़ें: Barabanki family murder and suicide case: पत्नी-बच्चों के शव के साथ बिताए 24 घंटे, फिर की आत्महत्या
सुबह लिखा नोट, रात में दी जान : विवेक ने दो जून की रात को पत्नी और बच्चों की हत्या कर दी थी और दूसरे दिन सुबह सुसाइड नोट लिखा था। इसके बाद तीन जून की रात उसने हाथ की नस काट कर और फंदा लगाकर स्वयं की जान दे दी।
दो लोगों की शुरू हुई तलाश : मृतक की डायरी में कोतवाली नगर के आवास विकास निवासी एक व्यक्ति और लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी व्यक्ति का उल्लेख है। जिनके लिए लिखा है कि अगर यह लोग रुपये दे देते तो शायद उसे ऐसा न करना पड़ता, लेकिन अब इससे क्या फायदा।
यह था मामला
कोतवाली नगर के ग्राम सफेदाबाद निवासी भुवन मोहन शुक्ला का पुत्र विवेक शुक्ला अपनी पत्नी अनामिका, पुत्री पोयम और रितु, पुत्र बबल के साथ घर के अलग हिस्से में रहते थे। पांच जून को पांचों का शव घर के अंदर पड़ा मिला था। विवेक का शव फंदे से लटकर रहा था जबकि कमरों में पत्नी व बच्चों के शव पड़े थे। शुक्रवार रात करीब एक बजे तक पांचों शव के पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया तीन डॉक्टरों के पैनल ने पूरी की। पीएम रिपोर्ट में पत्नी व बच्चों की मौत जहर से होने की पुष्टि हुई है, जबकि विवेक की मौत फांसी से होना पुष्ट हुआ है। पीएम रिपोर्ट के अनुसार, अनामिका और तीनों बच्चों की मौत तीन दिन पूर्व हुई थी, जबकि विवेक की मौत एक से डेढ़ दिन पहले हुई है। इससे स्पष्ट है कि इस दौरान करीब 24 से 36 घंटे विवेक ने चारों लाशों के साथ बिताए।