विवेक तिवारी हत्याकांड: घटनास्थल के चार कैमरों में दर्ज है काली रात की हर बात
एपल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी हत्याकांड मामले में सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं। इस हत्याकांड की जांच में सीसीटीवी फुटेज अहम साबित हो सकते हैं।
लखनऊ(जेएनएन)। लखनऊ में आधी रात को गाड़ी नहीं रोकने पर पुलिस के हाथों मारे गए एपल कंपनी के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी हत्याकांड मामले में एक के बाद एक नए मोड़ सामने आ रहे हैं। जांच में घटनास्थल के सामने लगे सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं। जांच टीम को मिले ये फुटेज सरकारी बिल्डिंग में लगे हुए थे। इस हत्याकांड की जांच में सीसीटीवी फुटेज अहम साबित हो सकते हैं। बता दें कि स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) भी इस मामले की जांच कर रही है।
घटनास्थल के सामने उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ परिसर में कुल छह कैमरे लगे हैं। इनमें दो स्टिल और चार मूविंग कैमरे हैं। अलग-अलग स्थानों पर लगे विभाग के चार कैमरों पर पुलिस की नजर टिकी है। सना और आरोपित सिपाही प्रशांत के बयानों में उलझी पुलिस इन कैमरों के जरिए वास्तविकता से पर्दा उठाने की संभावना तलाश रही है।
प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच कर रहे एससीएम सोमवार दोपहर यूपी राज्य निर्माण सहकारी संघ (पैकफैड) के कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उनके साथ सीओ गोमतीनगर चक्रेश मिश्र भी मौजूद थे। एसीएम ने कैमरे के बारे में जानकारी जुटाने के साथ ही आसपास के लोगों से घटना के बारे में पूछताछ की। एसीएम चार ने बताया कि स्थानीय लोगों के बयान लिए गए हैं। घटना के वक्त सना के अलावा दूसरा कोई चश्मदीद अभी तक नहीं मिल पाया है। अगर किसी व्यक्ति के पास कोई भी जानकारी है तो वह मुझे अवगत करा सकता है। पैकफेड के अधिकारियों का कहना है कि अगर लिखित में एसआइटी उनसे फुटेज मांगती है तो उन्हें उपलब्ध कराया जाएगा।
विभाग के जनरल मैनेजर एसआरके राव क ा कहना है कि प्रकरण गंभीर है और बिना आधिकारिक निर्देश के फुटेज किसी को दिया नहीं जा सकता। वहीं, भवन के सुरक्षा अधिकारी होमगार्डस विभाग के हेड कांस्टेबल सतीश ने बताया कि बिल्डिंग के नौवें तल पर तकनीकी रूम है, जहां सभी वीडियो संकलित होते हैं। बिल्डिंग के चारों कोनों पर कैमरे लगे हैं।
कैमरा नंबर एक और दो
मुख्य गेट पर स्टिल कैमरा लगा है, जो घटना स्थल से करीब 15 मीटर दूर है। यह कैमरा सड़क के दूसरे लेन को कवर करता है। वहीं मुख्य गेट से थोड़ा भीतर बिल्डिंग के कोने पर एक कैमरा ऊंचाई पर लगा है। सना ने बयान दिया था कि आरोपित पुलिसकर्मी कार के सामने से आए थे और बाइक आगे लगा दी थी। इस कैमरे से यह स्पष्ट हो जाएगा कि पुलिसकर्मी उल्टी दिशा से आकर बाइक को कार के सामने खड़ा किए थे या फिर पीछा कर रहे थे।
कैमरा नंबर तीन
दफ्तर के निकास द्वार पर लगे कैमरे की पहुंच दूर तक है। इस कैमरे में गोली लगने के बाद गाड़ी लेकर भागते समय विवेक की स्थिति का आंकलन लगाया जा सकेगा। एसआइटी फुटेज से यह पता लगाएगी कि क्या विवेक की गाड़ी का आरोपित पुलिसकर्मियों ने पीछा किया था या दोनों भाग निकले थे?
कैमरा नंबर चार
यह कैमरा पैकफैड बिल्डिंग के पीछे की तरफ लगा है। विवेक की गाड़ी जिस अंडर पास के पास खंभे टकराकर बंद हो गई थी, उससे कुछ दूरी पर यह कैमरा है। संभावना जताई जा रही है कि इस कैमरे में गाड़ी के दुर्घटना या फिर हादसे के बाद की गतिविधि इस कैमरे में कैद हो सकती है। ऐसे में एसआइटी फुटेज हासिल कर अलग-अलग बिंदुओं की पड़ताल करने की तैयारी में है।