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Ayodhya Ram Mandir : पांच अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी रखेंगे मंदिर की नींव, घर-घर जलेंगे दीप

Ayodhya Ram Mandir अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन के दिन पांच अगस्त को विश्व हिंदू परिषद घर-घर दीप जलाने का कार्यक्रम आयोजित करेगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 11:10 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 04:16 PM (IST)
Ayodhya Ram Mandir : पांच अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी रखेंगे मंदिर की नींव, घर-घर जलेंगे दीप
Ayodhya Ram Mandir : पांच अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी रखेंगे मंदिर की नींव, घर-घर जलेंगे दीप

लखनऊ, जेएनएन। वर्षों से से जिस घड़ी का इंतजार था वह घड़ी अब नजदीक है। अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीराम मंदिर के लिए भूमिपूजन पांच अगस्त को दोपहर 12:15 बजे करेंगे। भूमि पूजन के दिन विश्व हिंदू परिषद घर-घर दीप जलाने का कार्यक्रम आयोजित करेगी। इस दिन प्रत्येक हिंदू परिवार को गौरवमयी अवसर से जोड़ने के लिए वृहद अभियान चलाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर की नींव रखेंगे, वहीं घर-घर, गांव-गांव में दीपोत्सव मनाया जाएगा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के लिए भूमि पूजन पांच अगस्त को दोपहर 12:15 बजे करेंगे, पर रामजन्मभूमि पर भूमि पूजन का अनुष्ठान तीन जनवरी से ही शुरू हो जाएगा। अनुष्ठान के समन्वयक-संयोजक आचार्य इंद्रदेव शास्त्री के अनुसार पहले दिन गणपति पूजन एवं पंचांग पूजन के साथ अनुष्ठान की शुरुआत होगी। साथ ही वाल्मीकि रामायण एवं कई अन्य शास्त्रीय ग्रंथों का पाठ शुरू होगा। दूसरे दिन पाठ की निरंतरता के साथ रामार्चा पूजन और प्रवचन का क्रम संयोजित होगा, जबकि भूमिपूजन के दिन शास्त्रानुकूल भूमिपूजन का पारंपरिक अनुष्ठान होगा। इसे 10 से 15 वैदिक आचार्य संपादित कराएंगे। इनमें चुनिंदा स्थानीय वेदज्ञों के साथ दिल्ली एवं बनारस तक के विद्वान शामिल होंगे।

भूमि पूजन में आडवाणी, कल्याण जैसे दिग्गज भी होंगे शामिल : पांच अगस्त को राममंदिर का भूमिपूजन तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, मगर इस मौके पर रामलला से सरोकार रखने वाले दिग्गज भी मौजूद रहेंगे। इनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और विनय कटियार जैसे भगवा सियासत के पर्याय प्रतिनिधि राजनीतिज्ञों और मंदिर आंदोलन से जुड़े शीर्ष संत भी शामिल होंगे। भूमि पूजन समारोह के दौरान कोरोना से बचाव की गाइड लाइन का अक्षरश: पालन किया जाएगा। कोरोना संकट शुरू होने के साथ ही स्वयं प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश इस संकट का सामना कर रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री कहीं भी रहे हों, उन्होंने कोरोना से बचाव की गाइड लाइन का पूरा ध्यान रखा है और अयोध्या में वे इस दिशा में कहीं अधिक सजग होंगे। इसके लिए विपक्ष की वह बयानबाजी भी है, जिसमें कोरोना संकट के बीच राम मंदिर के भूमिपूजन तथा इसमें प्रधानमंत्री के शामिल होने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। 

तेज हुई प्रतिमा स्थापना की तैयारी : अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन की तैयारियों के बीच माझा बरहटा में भूमि के अंश निर्धारण की प्रक्रिया तेज हो गई है। भगवान राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा यहीं स्थापित होनी है। भगवान राम की प्रतिमा लगाने की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर चुके हैं। यह गांव माझा सर्वे में है। लगभग 83 हेक्टेयर भूमि का चयन भगवान राम की प्रतिमा लगाने के लिए प्रस्तावित है। संयुक्त सचिव पर्यटन एपी सिंह के अनुसार भूमि की रजिस्ट्री कराने का जो प्रारूप जिले से आया था, शासन के अनुमोदन के बाद उसे वापस भेजा गया है। किसानों से भूमि की खरीद जब शुरू होगी, तभी वह राज्यपाल से नामित होने के नाते रजिस्ट्री कराने मेें मौजूद रहेंगे। रामलला की प्रतिमा के लिए प्रस्तावित 83 हेक्टेयर भूमि में करीब दो सौ किसानों की भूमि आ रही है। रामलला की प्रतिमा के लिए प्रस्तावित भूमि का अंश निर्धारण सर्वे में लगी टीम ने कर लिया है, जिससे भूमि खरीदने के बाद विवाद की गुंजाइश न रहे।


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