Violence case against CAA : जुर्माना भरने के बाद भी नहीं मिलेगी उपद्रवियों को राहत
सरकारी संपत्ति को नुकसान सीएए के खिलाफ हिंसा में राजधानी में 56 के खिलाफ जारी हो चुकी है आरसी संपत्ति होगी सीज।
लखनऊ, जेएनएन। सीएए के खिलाफ शहर में तोडफ़ोड़ कर सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले 56 उपद्रवियों पर जिला प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जुर्माना नहीं भरने वाले दो उपद्रवियों की संपत्तियां सीज कर दी गई हैं। वहीं, प्रशासन ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि केवल जुर्माना भरने से ही राहत नहीं मिलने वाली है। हिंसा में शामिल होने का आपराधिक मामला पहले की तरह ही चलता रहेगा।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 19 दिसंबर को विभिन्न पार्टियों के समर्थकों ने ङ्क्षहसा की थी। इस पर कैसरबाग, ठाकुरगंज, हजरतगंज और हसनगंज में डेढ़ सौ से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर नोटिस जारी किया गया था। जिला प्रशासन ने पुलिस और दूसरे माध्यमों से उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोषी ठहराते हुए उपद्रवियों से वसूली का आदेश जारी किया था।
चलते रहेंगे थानों में दर्ज मामले
अपर जिला मजिस्ट्रेट विश्व भूषण का कहना है कि आदेश केवल उपद्रव में सार्वजनिक और सरकारी संपत्तियों के नुकसान की भरपाई का है। हिंंसा के जो मामले थानों में चल रहे हैं, वह पहले की तरह चलते रहेंगे।
दो उपद्रवियों की संपत्तियां जब्त, अन्य की तलाश में छापेमारी
इससे पहले मंगलवार को प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए उपद्रवियों की संपत्तियों को सीज करना शुरू कर दिया। इसी क्रम में शहर के अलग-अलग इलाकों में टीमों ने उपद्रवियों से वसूली के लिए छापेमारी की। इस दौरान खदरा में उपद्रव के आरोपित धर्मवीर का कॉम्प्लेक्स सील कर दिया गया। वहीं, इसी इलाके में एक अन्य आरोपित माहेनूर चौधरी की संपति को भी सीज कर दिया गया। तीसरे आरोपित की तलाश में हुसैनाबाद की जूते वाली गली में छापा मारने गई टीम के साथ मुहल्ले वालों ने अभद्रता की और आरोपित को भगा दिया। तहसीलदार सदर शंभूशरण के मुताबिक सदर तहसील में करीब 22 लाख रुपये की वसूली होनी है।