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स्कूल का थमाया पत्र-निकला होटल, मुफ्त शिक्षा के नाम पर गरीबों से मखौल

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत गरीब बच्चों का दाखिला होना था निजी स्कूलों में। कहीं लटके ताले तो कहीं भवन में होटल। अभिभावकों से मांगे जा रहे रुपये, नोटिस जारी कर की जा रही खानापूर्ति।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 02:26 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 02:26 PM (IST)
स्कूल का थमाया पत्र-निकला होटल, मुफ्त शिक्षा के नाम पर गरीबों से मखौल
स्कूल का थमाया पत्र-निकला होटल, मुफ्त शिक्षा के नाम पर गरीबों से मखौल

लखनऊ[संदीप पांडेय]। राजधानी में मुफ्त शिक्षा के नाम पर गरीबों का मखौल उड़ाया जा रहा है। यहां बच्चों को बंद स्कूलों का पत्र थमा दिया गया है। ऐसे में अभिभावक जब बच्चों के दाखिला के लिए पहुंचे तो उन्हें भवन में होटल चलता मिला। यह देखकर वह हतप्रभ रह गए। दरअसल, शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत गरीब बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिला होना है। लॉटरी में नाम आए बच्चों को ऐसे स्कूलों का आवंटन पत्र दे दिया गया, जोकि संचालित ही नहीं हैं। सोमवार को यह बच्चे अभिभावक संग बेसिक शिक्षा कार्यालय में चक्कर लगाते दिखे। नौबस्ता निवासी मेहरुन्निशां की बच्ची नर्गिस का दाखिला नर्सरी में होना है। मेहरुन्निशा के मुताबिक बच्ची के पत्र पर मोहिबुल्लापुर, ताड़ीखाना का प्रसून मून स्कूल आवंटित किया गया है। इलाके में काफी तलाशने के बाद स्कूल का भवन मिला। मगर अब यहां होटल चल रहा है। ऐसे में दूसरे स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए अफसरों से कई बार फरियाद की, मगर अभी तक सुनवाई नहीं हुई। कक्षाएं शुरू हुए महीनों बीत गए, मगर लॉटरी में चयनित बच्चों को दाखिला नहीं मिल रहा है।

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दो बार लॉटरी निकली, स्कूल की खोज जारी :

बालागंज निवासी पूजा गुप्ता के बेटे ऑरव गुप्ता का भी नर्सरी में दाखिला होना है। पूजा के मुताबिक पहली लॉटरी में सिटी इंटर नेशनल स्कूल मिला। मगर वार्ड को लेकर विवाद होने पर दाखिला नहीं मिला। ऐसे में तीसरी लॉटरी में फिर आवेदन कराया गया, इसमें इंडियन पब्लिक स्कूल बालागंज का पत्र मिला। ऊषा के मुताबिक मोहल्ले में ढूढ़ने पर स्कूल नहीं मिला। यहां इंडियन एकेडमी स्कूल संचालित मिला, जिसने खुद के यहां का आवंटन पत्र होने से इंकार कर दिया।

स्कूल मांगते हैं पैसा, एक को नोटिस :

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत राजधानी के करीब आठ सौ निजी स्कूलों में करीब 12 हजार सीटें तय की गई हैं। इन पर गरीब बच्चों के मुफ्त एडमिशन के निर्देश दिए गए हैं। अफसरों की हीलाहवाली से अभी तक सिर्फ पांच हजार बच्चों का दाखिला हुआ। वहीं स्कूलों पर पैसा मांगने के मामले भी आ रहे हैं। सोमवार को मां रुबीना ने एक निजी स्कूल पर बेटे साजेब के दाखिले में पैसा मांगने के आरोप लगाए। उसको नोटिस जारी किया गया।

क्या कहते हैं अफसर?

बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अमरकांत सिंह का कहना है कि कुछ स्कूल बंद होने से संबंधी शिकायतें मिली हैं। ऐसे बच्चों व स्कूलों की सूची बनाई जा रही है। जल्द ही इन्हें संचालित दूसरे स्कूलों में प्रवेश दिलाने की प्रक्रिया की जाएगी। वहीं दशरथ कैरियर स्कूल की पैसा मांगने की शिकायत मिली है, जिस पर नोटिस जारी किया गया है।


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