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लव‍िव‍ि लॉ पेपर लीक कांड के बाद बड़ी कार्रवाई, कुलसचिव एसके शुक्‍ला हटाए गए-विनोद कुमार को म‍िली ज‍िम्‍मेदारी

कार्यविरत कर प्रतीक्षा सूची में डाला गया। लॉ का पर्चा लीक होने के बाद आए थे विवादों में।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 05:18 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 07:33 AM (IST)
लव‍िव‍ि लॉ पेपर लीक कांड के बाद बड़ी कार्रवाई, कुलसचिव एसके शुक्‍ला हटाए गए-विनोद कुमार को म‍िली ज‍िम्‍मेदारी
लव‍िव‍ि लॉ पेपर लीक कांड के बाद बड़ी कार्रवाई, कुलसचिव एसके शुक्‍ला हटाए गए-विनोद कुमार को म‍िली ज‍िम्‍मेदारी

लखनऊ, जेएनएन।  लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) के रजिस्ट्रार एसके शुक्ला को शुक्रवार को पद से हटा दिया गया। उच्च शिक्षा विभाग ने उन्हें कार्य विरत करते हुए फिलहाल प्रतीक्षा सूची में डाल दिया है। बीते दिनों लविवि में लॉ का पर्चा लीक होने के बाद वह विवादों में आए थे। उस समय उनके पास कार्यवाहक कुलपति का भी पदभार था। एसटीएफ ने मामले की जांच कर बीती 31 दिसंबर को शासन को सौंपी अपनी जांच रिपोर्ट में माना था कि एसके शुक्ला और अस्पताल संचालिका ऋचा मिश्रा की फोन पर वार्ता हुई थी। यही नहीं सात शिक्षकों से भी फोन पर वह लगातार संपर्क में थी। इसके बाद से माना जा रहा था कि शासन कोई सख्त कदम उठाएगा।

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उधर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के रजिस्ट्रार विनोद कुमार सिंह को लविवि का नया रजिस्ट्रार बनाया गया है। विशेष सचिव उच्च शिक्षा मनोज कुमार ने बताया कि स्थानांतरण आदेश जारी कर दिए गए हैं। मालूम हो कि बीती 11 दिसंबर को लविवि में एलएलबी तृतीय सेमेस्टर का पर्चा लीक हुआ था। लॉ की विद्यार्थी और निजी अस्पताल संचालिका ऋचा मिश्रा से मोबाइल फोन पर बातचीत के कई आडियो वायरल हुए थे। इसमें वह रजिस्ट्रार व कार्यवाहक कुलपति एसके शुक्ला के साथ-साथ सात अन्य शिक्षकों प्रश्नपत्र के बारे में पूछताछ कर रही थी।

यह है मामला

लखनऊ विश्वविद्यालय की एलएलबी त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम के तीसरे सेमेस्टर का पेपर परीक्षा से पहले ही लीक हो गया। परीक्षा के सभी सवाल मोबाइल फोन पर नोट कराए गए। इस बातचीत के ऑडियो व्हाट्सएप पर वायरल होने के बाद विवि प्रशासन ने तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा रद्द कर दी। साथ ही दो शिक्षकों प्रो. आरके सिंह और डॉ. अशोक कुमार सोनकर को निलंबित कर दिया। इस मामले में कार्यवाहक कुलपति शैलेश कुमार शुक्ला की भूमिका भी संदिग्ध है।

परीक्षा नियंत्रक की तरफ से डॉ. अशोक, डॉ. रिचा व अन्य के खिलाफ हसनगंज कोतवाली में सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया है। जिस परीक्षा केंद्र का मामला है, उसे स्थायी रूप से डिबार करने के साथ 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

वायरल पहले ऑडियो में एक रसूखदार महिला ने फोन करके एक शिक्षक से पूछा कि 4 दिसंबर को होने वाले प्रॉपर्टी लॉ के पेपर में क्या आएगा? इस पर शिक्षक ने एक-एक धारा का नाम लेते हुए सभी सवाल बता दिए। दूसरे ऑडियो में छह दिसंबर को होने वाले कॉमर्शियल लॉ का पेपर तैयार करने वाले शिक्षक का नाम पूछा जा रहा है। इसके बाद संबंधित शिक्षक को फोन कर सवाल पूछे गए। जब बताए गए पेपर हूबहू वही निकले तो महिला ने सवाल बताने वाले शिक्षकों को धन्यवाद भी दिया।

महिला को यह भी पता है कि किस विषय का पेपर कौन बना रहा

ऑडियो शहर के एक बड़े चिकित्सा संस्थान से जुड़ी महिला का बताया जा रहा है। जाहिर हो रहा है कि उसकी लविवि के शिक्षकों से नियमित रूप से बातचीत होती रहती है। यहां तक कि महिला को यह भी पता है कि किस विषय का पेपर कौन बना रहा है। इसलिए वह बिना संकोच के सीधे उसी शिक्षक को फोन कर परीक्षा में आने वाले सवाल पूछ रही है।

एक अन्य ऑडियो में वही महिला कह रही है कि कुलपति अपने घर के हैं। इसलिए कोई चिंता नहीं। यह बात उसने एक अन्य ऑडियो में भी दोहराई। इस ऑडियो में महिला कहती है कि कुलसचिव तो उनके घर के हैं, जिनके पास इस समय कुलपति का चार्ज है।

वह यह भी कहते सुनाई देती है कि कुलपति घर के हैं, लेकिन उनसे बात नहीं कर रही हूं। अगर फेल हो गई तो बड़ी बदनामी होगी। इस पर कुलपति शैलेश शुक्ला ने कहा कि कुलपति के लिए ऐसा कोई भी व्यक्ति कह सकता है। इससे कोई संलिप्तता साबित नहीं होती।

एक बड़े चिकित्सा संस्थान से जुड़ी है महिला

ऑडियो शहर के एक बड़े चिकित्सा संस्थान से जुड़ी महिला का बताया जा रहा है। जाहिर हो रहा है कि उसकी लविवि के शिक्षकों से नियमित रूप से बातचीत होती रहती है। यहां तक कि महिला को यह भी पता है कि किस विषय का पेपर कौन बना रहा है। इसलिए वह बिना संकोच के सीधे उसी शिक्षक को फोन कर परीक्षा में आने वाले सवाल पूछ रही है।


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