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Vikas Dubey News : एसआईटी 20 से 24 जुलाई तक लेगी साक्ष्य, नौ बिंदुओं पर शुरू की पड़ताल

Vikas Dubey News कानपुर कांड में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है। इस क्रम में वह लोगों से साक्ष्य लेगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 01:24 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 06:10 AM (IST)
Vikas Dubey News : एसआईटी 20 से 24 जुलाई तक लेगी साक्ष्य, नौ बिंदुओं पर शुरू की पड़ताल
Vikas Dubey News : एसआईटी 20 से 24 जुलाई तक लेगी साक्ष्य, नौ बिंदुओं पर शुरू की पड़ताल

लखनऊ, जेएनएन। कानपुर कांड में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है। इस क्रम में वह लोगों से साक्ष्य लेगी। संजय भूसरेड्डी ने बापू भवन में चतुर्थ तल के कमरा नंबर 401 स्थित अपने कार्यालय को ही एसआईटी का भी दफ्तर बनाया है। उनका कहना है कि कानपुर कांड में यदि कोई व्यक्ति एसआईटी से व्यक्तिगत रूप से मिलकर कोई साक्ष्य अथवा अभिलेख उपलब्ध कराना चाहता है तो वह 20 से 24 जुलाई के मध्य उनके कार्यालय में दोपहर 12 से दो बजे के बीच संपर्क कर सकता है।

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चीनी उद्योग व गन्ना विकास तथा आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने बताया कि लोग पत्र के जरिए उनके कार्यालय के पते पर भी साक्ष्य भेज सकते हैं। ई-मेल के जरिए और फोन नंबर 0522-2214540 पर भी जानकारियां साझा की जा सकती हैं। शासन ने विकास दुबे के साम्राज्य के खड़े होने से लेकर उसके मददगार रहे पुलिसकर्मियों की भूमिका समेत नौ बिंदुओंं पर जांच एसआईटी को सौंपी है। एसआईटी में बतौर सदस्य एडीजी हरिराम शर्मा व डीआइजी जे.रवींद्र गौड भी शामिल हैं। शासन ने एसआईटी से 31 जुलाई तक जांच रिपोर्ट तलब की है। एसआईटी पूर्व में कानपुर जाकर घटनास्थल का निरीक्षण करने के साथ ही ग्रामीणों से भी मुलाकात कर चुकी है।

बता दें कि कानपुर कांड के संबंध में राज्य सरकार ने प्रकरण की जांच विशेष अनुसंधान दल से कराने का निर्णय लिया है। आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपित मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे कैसे इतना ताकतवर बना और उसके अपराधों में किस तरह पुलिसकर्मियों की संलिप्तता रही, इससे जुड़े कई बिंदुओं पर एसआईटी सिलसिलेवार पड़ताल करेगी। एसआईटी की जांच में कानपुर पुलिस के कई अधिकारियों व कर्मियों के खेल सामने आने के साथ ही विकास दुबे के काले कारोबार का चिट्ठा भी खुलेगा। एसआईटी विकास दुबे के विरुद्ध चल रहे सभी मुकदमों में अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा करने के साथ ही यह भी जांच करेगी कि क्या इन मुकदमों में विकास व उसके साथियों को सजा दिलाने के लिए की गई कार्रवाई पर्याप्त थी।

बता दें कि कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल विकास दुबे का 10 जुलाई की सुबह पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। उसे उज्जैन से कोर्ट में पेशी के लिए लाते वक्त कानपुर शहर से पहले ही सचेंडी थाना क्षेत्र में बेसहारा जानवरों को बचाने के चक्कर में एसटीएफ की कार पलटी तो कुछ पल के लिए पुलिसकर्मी हल्की बेहोशी की हालत में आ गए। इस दौरान विकास दुबे ने एक इंस्पेक्टर की पिस्टल छीन ली और भागने की कोशिश की तो पुलिस ने उसका पीछा किया। विकास के पुलिसकर्मियों पर गोली चलाने के जवाब में एसटीएफ और पुलिस टीम के सदस्यों ने उसे ढेर कर दिया। मुठभेड़ में एसटीएफ के दो जवान भी घायल हुए हैं। इस पांच लाख रुपये इनामी हिस्ट्रीशीटर को गुरुवार सुबह उज्जैन (मध्य प्रदेश) के महाकालेश्वर मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया था।


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