Move to Jagran APP

Vikas Dubey News: बिकरू से बैंकॉक तक की विकास दुबे की संपत्ति पर ED की नजर, ढहेगा काली कमाई का साम्राज्य

Vikas Dubey News प्रदेश सरकार के साथ केंद्र सरकार विकास दुबे के आर्थिक साम्राज्य की कुंडली खंगालने में जुटी हुई है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 11:53 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2020 06:09 AM (IST)
Vikas Dubey News: बिकरू से बैंकॉक तक की विकास दुबे की संपत्ति पर ED की नजर, ढहेगा काली कमाई का साम्राज्य
Vikas Dubey News: बिकरू से बैंकॉक तक की विकास दुबे की संपत्ति पर ED की नजर, ढहेगा काली कमाई का साम्राज्य

लखनऊ, जेएनएन। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के कानपुर में पुलिस एनकांउटर में ढेर होने के बाद अब उसके करीबियों तथा फाइनेंसर जय वाजपेयी पर प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कस रहा है। प्रदेश सरकार विकास दुबे के आर्थिक साम्राज्य की कुंडली खंगालने में जुटी हुई है। अब विकास दुबे के परिवार और सहयोगियों पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज होगा।

loksabha election banner

भले ही गैंगस्टर मुठभेड़ में मारा जा चुका है, लेकिन ईडी मनी लॉन्ड्रिग एक्ट के तहत अपराध के जरिये काली कमाई से जुटाई गई उसकी संपत्तियों को अटैच कर सकता है। लखनऊमें ईडी के जोनल मुख्यालय के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह का कहना है कि आयकर विभाग से भी विकास के गैंग के लोगों और करीबियों के बीते सालों में दाखिल किए गये इनकम टैक्स रिटर्न की जानकारी भी मांगी है। उसके कई देशों की यात्रा करने की बात प्रकाश में आ रही है। पुलिस अधिकारी उसके पासपोर्ट को लेकर भी छानबीन करा रहे हैं। 

अरबों रुपये की बेनामी संंपतियों के मालिक जय वाजपेयी ही विकास के काला धन को निवेश करता था, इतना ही नहीं वह विकास दुबे से करोड़ों रुपया लेकर लोगों को ब्याज पर देने का भी बड़ा काम करता था। केंद्र सरकार की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम विकास दुबे और जय वाजपेयी के बीच होने वाले सारे लेनदेन की जांच करेगी। जय वाजपेयी अभी फिलहाल एसटीएफ के शिकंजे में है। विकास दुबे ने जय वाजपेयी के माध्यम से देश और विदेश में अपनी बड़ा आर्थिक साम्राज्य खड़ा किया था। विकास दुबे ने करीब 35 वर्ष का आपराधिक जीवन में अरबों रुपयों की अकूत संपत्ति अॢजत की। इसको वह जय वाजपेयी के माध्यम से कई धंधों में लगाता था। रियल एस्टेट में तो उसने भारत के साथ ही दुबई व थाइलैंड की राजधानी बैंकाक में बड़ा निवेश किया था।

पुलिस और एसटीएफ ने अपनी जांच शुरू कर दी

विकास दुबे की फरारी के दौरान ही पुलिस और एसटीएफ ने अपनी जांच शुरू कर दी थी। इसी बीच विकास दुबे और जय वाजपेयी का कनेक्शन सामने आया था। एसटीएफ तथा पुलिस ने इनके बीच लेनदेन का ब्यौरा जुटाया है। जिसके बाद ईडी ने भी पड़ताल की तो विदेशों में निवेश का मामला सामने आ गया है। एसटीएफ तथा पुलिस ने ईडी को जय वाजपेयी के स्टेट बैंक रामकृष्ण नगर में खाता का ब्यौरा दिया है। इस खाते में बीते एक वर्ष में करीब एक करोड़ का लेन-देन हुआ। इनमें भी करीब 60 लाख रुपये जय वाजपेयी ने खुद ही निकाले हैं। यह रकम कहां से आती थी और किस काम में खपाई जाती थी इसके लिंक तलाशे जा रहे हैं। जय वाजपेयी की पत्नी श्वेता के खाते से एक वर्ष में 60 लाख का लेनदेन हुआ। इनमें 45 लाख रुपए खुद श्वेता ने निकाले हैं, जबकि बाकी की रकम चेक के जरिए अन्य लोगों ने निकाला।

जय वाजपेयी की नेता व अधिकारियों में पैठ, विकास को लाभ

पांच लाख का इनामी बदमाश विकास दुबे सीधे अधिकारियों या नेताओं में पैठ नहीं बनाता था। वह इस काम में जय वाजपेयी की मदद लेता था। जय वाजपेयी ही इन नेता तथा अधिकारियों की मदद से विकास दुबे की काली कमाई का निवेश करता था।

जय वाजपेयी और विकास की करोड़ों की संपत्ति का पता चला

जय वाजपेयी व विकास के बीच लेन-देन के प्रमाण जुटाए जा रहे हैं। विकास अन्य किन कारोबारियों से रुपये का लेन-देन करता था, इसकी जानकारी भी जुटाई जा रही है। दोनों की करोड़ों रुपये की संपत्तियों का पता लगाया जा चुका है, जिनमें कई स्कूल, कॉलेज, व्यवसायिक व आवासीय भूखंड भी हैं। जय वाजपेयी के एक साथी का नाम भी शनिवार को सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हुआ। इस वायरल पोस्ट में कहा गया कि वाजपेयी ने दो से पांच करोड़ रुपये जानवरों का व्यापार करने वाले बर्रा निवासी एक व्यापारी के जरिये खपाए हैं। व्यापारी 2012 तक ब्रह्मनगर की एक दुकान में अपने भाइयों के साथ तीन हजार रुपये की नौकरी करता था। आठ साल में वह भी करोड़पति हो गया। वायरल पोस्ट में व्यापारी की एक फोटो भी है, जिसमें वह लाखों रुपये कीमत की सोने की मोटी चेन गले में डाले हुए है।

कुख्यात की काली कमाई को सफेद बनाता था, विदेश में भी घर

करीब आठ साल पहले एक प्रिटिंग प्रेस में चार हजार रुपये की पगार पर काम करने वाला जय वाजपेयी अब अरबों की संपत्ति का मालिक है। यह चमत्कार विकास दुबे की कृपा से हुआ। उसे विकास का खजांची माना जाता है। वाजपेयी ही उसकी काली कमाई को सफेद बनाता था। पूछताछ के लिए एसटीएफ ने इसे अपनी गिरफ्त में रखा है। उसकी पुलिस अफसरों और राजनेताओं के साथ तमाम तस्वीरें भी हैं। उसके पास कई महंगी कारें हैं। कानपुर से लेकर देश के कई बड़े शहरों में संपत्तियां हैं, दुबई में भी घर है।

करीबियों के नाम भी हो सकती हैं संपत्तियां 

आयकर अधिकारियों के मुताबिक, विकास दुबे और जय वाजपेयी द्वारा कानूनी शिकंजे से बचने के लिए करीबियों के नाम भी संपत्तियां खरीदने की पूरी संभावना है। जिनके नाम संपत्तियां हैं, विभाग उनसे जल्द पूछताछ करेगा कि संपत्तियां खरीदने के लिए पैसा कहां से आया। संपत्तियां बेनामी सिद्ध होने पर उन्हेंं अटैच कर अभियोजन की कार्रवाई होगी। आयकर अफसर बताते हैं कि मामला गंभीर प्रकृति की आपराधिक घटना से जुड़ा होने और जांच में कोई प्रभाव न पड़े, इसलिए विभाग कुछ इंतजार कर रहा है। यह जांच पूरी होने के बाद आयकर कार्रवाई शुरू करेगा। ईडी और एसटीएफ की जांच में मिले तथ्यों को भी जरूरत पर अपनी जांच में शामिल करेगा।

ईडी को काली कमाई की जांच

विकास दुबे की काली कमाई की जांच की जिम्मेदारी शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय को सौंप दी गई थी। ईडी विकास दुबे और उसके करीबी जय वाजपेयी की अवैध चल-अचल संपत्तियों, आॢथक अपराध की कुंडली खंगालने जा रही है। जांच एजेंसी यह भी खंगालेगी कि विकास दुबे ने जय वाजपेयी के साथ मिलकर देश-विदेश में कहां-कहां और कितनी अवैध संपत्तियां बनाई हैं। विकास दुबे और जय वाजपेयी के पास कानपुर के साथ-साथ उत्तराखंड, मुंबई, नोएडा में करीब दो दर्जन से ज्यादा प्लॉट और मकान हैं। जय वाजपेयी ने दुबई और बैंकॉक में करीब 25 करोड़ के दो आशियाने खरीद रखे हैं।

जय वाजपेयी कानपुर के बड़े उद्योगपति और विकास दुबे के लिए प्रॉपर्टी डीलिंग और मनी लॉन्ड्रिंग दोनों का काम करता था। कानपुर में विकास दुबे के अपराध और पुलिस गठजोड़ की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी भी अवैध रूप से जुटाई गई संपत्ति को लेकर अपनी रिपोर्ट देगी। ईडी लखनऊ जोनल ऑफिस ने कानपुर रेंज के आईजी को पत्र लिखकर विकास दुबे की संपत्तियों की डिटेल मांगी है। ईडी की मांग पर पुलिस ने विकास की बेनामी संपत्तियों का कच्चा चिट्ठा निकालना शुरू कर दिया है। विकास दुबे की फरारी के बाद पुलिस ने जब उसके घर छापा मारा था तो उसकी संपत्तियों के कई दस्तावेज मिले थे। विकास दुबे ने अपनी काली कमाई छिपाने के लिए अपने रिश्तेदारों को भी मोहरा बनाया था, उसने अपने रिश्तेदारों के नाम भी प्रॉपर्टी खरीद रखी थी।

देश में नोटबंदी से पहले ही विकास दुबे से जय वाजपेयी ने 6.30 करोड़ रुपये की नगदी को दो प्रतिशत ब्याज पर लेकर बाजार में पांच प्रतिशत ब्याज पर दिया था। विकास दुबे ने कई लोगों का पैसा नोटबंदी के दौरान निवेश किया था। विकास दुबे ने नोटबंदी के दौरान करीब पचास करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी थी। इसमें काफी पैसा कानपुर के एक व्यवसायी का था।

फॉर्च्यूनर कार गिफ्ट में 

ईडी के राडार पर व्यवसायी जय वाजपेयी है। उसके पास बड़े-बड़े बिजनेसमैन धन सुरक्षित रखने आते थे। विकास दुबे को कानपुर के नामी गिरामी बिजनेसमैन ने फॉर्च्यूनर कार गिफ्ट में दी थी। विकास दुबे ने कई लोगों का पैसा नोटबंदी के दौरान निवेश किया था। विकास दुबे ने नोटबंदी के दौरान करीब पचास करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी थी। विकास दुबे के नाम से लखनऊ में दो बड़े मकान हैं। लखनऊ-कानपुर में विकास दुबे ने कई फ्लैट और मकान खरीद रखे हैं। जय वाजपेयी ही विकास दुबे का विश्वस्त सहयोगी है।  

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम ने कानपुर में पुलिस के साथ ब्रह्मनगर के कारोबारी जय वाजपेयी की कई संपत्तियों के दस्तावेज खंगाले। पुलिस से विकास दुबे का क्राइम रिकॉर्ड व उसके खिलाफ दर्ज चार्जशीट भी हासिल की। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि विकास और उसके साथियों की संपत्तियों की जांच के लिए ईडी की टीम आई है। टीम को सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कुख्यात विकास के खजांची जय वाजपेयी से पूछताछ के दौरान कानपुर और लखनऊ में कई नामी-बेनामी संपत्तियों की जानकारी सामने आई है। इसी आधार पर ईडी अब सक्रिय हो गया है। वह गिरोह की संपत्तियों की जांच के लिए जल्द पीई (प्रारंभिक जांच) दर्ज करेगा। ईडी अधिकारी खुद अपने स्तर से गैंग से जुड़ी जानकारियां इकट्ठा कर रहे हैं। 

आवासीय योजनाएं शुरू कर पुलिसकर्मियों को दिए थे भूखंड

विकास ने कानपुर में कई जगह आवासीय योजनाएं शुरू की थीं और उनमें कई पुलिसकर्मियों को भूखंड भी दिए थे। विकास ने यह बात खुद उज्जैन से कानपुर आने के दौरान एसटीएफ की पूछताछ में साझा की थी।

इसे भी पढ़ें- अगर जिंदा रहा तो दोबारा महाकाल दर्शन करने आऊंगा- गैंगस्टर विकास दुबे ने कही थी ये बात


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.