Vikas Dubey News : SIT के सामने आरोपी श्यामू वाजपेयी के परिवार समेत 10 ने रखा अपना पक्ष
Vikas Dubey News कानपुर कांड में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने अपनी पड़ताल के कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं।
लखनऊ, जेएनएन। कानपुर कांड में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने अपनी पड़ताल के कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) के अध्यक्ष ने पहले दिन 10 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। सूत्रों का कहना है कि इनमें कानपुर कांड के एक आरोपित श्यामू वाजपेयी के परिवारीजन भी शामिल थे। एसआईटी के समक्ष 24 जुलाई तक कोई भी व्यक्ति हाजिर होने अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकता है।
अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने बापू भवन में चतुर्थ तल के कमरा नंबर 401 स्थित अपने कार्यालय को ही एसआईटी का भी दफ्तर बनाया है। कोई व्यक्ति जो कानपुर कांड में एसआइटी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से कोई साक्ष्य अथवा अभिलेख उपलब्ध कराना चाहता है, उसे 20 से 24 जुलाई तक का मौका दिया गया है। एसआईटी अध्यक्ष ने ऐसे किसी व्यक्ति को अपने कार्यालय में दोपहर 12 से दो बजे के बीच आने को कहा है। इस कड़ी में सोमवार को पहले दिन 10 लोगों ने एसआइटी के समक्ष प्रस्तुत होकर अपनी बात रखी। कुछ अभिलेख भी साझा किए।
कानपुर कांड में दुर्दांत विकास दुबे का साथी व आरोपित श्यामू वाजपेयी को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान पकड़ा था। सूत्रों का कहना है कि श्यामू की मां व बहन बापू भवन पहुंची थीं और एसआईटी के समक्ष अपना पक्ष रखा। आठ अन्य लोगों ने भी एसआईटी के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए। ध्यान रहे, शासन ने कुख्यात विकास दुबे के साम्राज्य के खड़े होने से लेकर उसके मददगार पुलिसकर्मियों की भूमिका समेत नौ बिंदुओंं पर जांच की जिम्मेदारी एसआईटी को सौंपी है। संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआइटी में बतौर सदस्य एडीजी हरिराम शर्मा व डीआइजी जे.रवींद्र गौड भी शामिल हैं। एसआइटी को 31 जुलाई तक अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपनी है।
बता दें कि कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उसका कच्चा चिट्ठा खोलने और उसके सहयोगियों को बेनकाब करने के लिए विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) का गठन किया है। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित की गई एसआईटी में एडीजी हरिराम शर्मा और डीआईजी जे. रविन्द्र गौड़ भी बतौर सदस्य शामिल किया गया है। एसआईटी घटना से जुड़े विभिन्न बिंदुओं और प्रकरण की गहन अभिलेखीय और स्थलीय जांच कर 31 जुलाई तक शासन को रिपोर्ट सौंपेगी।