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Vikas Dubey Encounter Case : जांच कमेटी बदलने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज, बने रहेंगे पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता

Vikas Dubey Encounter Case कोर्ट ने इस जांच कमेटी से पूर्व डीजीपी उत्तर प्रदेश केएल गुप्ता को हटाने से साफ मना करने के साथ याचिका को खारिज कर दिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 05:13 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 05:13 PM (IST)
Vikas Dubey Encounter Case : जांच कमेटी बदलने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज, बने रहेंगे पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता
Vikas Dubey Encounter Case : जांच कमेटी बदलने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज, बने रहेंगे पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता

लखनऊ, जेएनएन। कानपुर के दुर्दांत हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच कमिटी को बदलने से सुप्रीम कोर्ट ने इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने इस जांच कमेटी से पूर्व डीजीपी उत्तर प्रदेश केएल गुप्ता को हटाने से साफ मना करने के साथ याचिका को खारिज कर दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट में अनूप अवस्थी ने याचिका दाखिल कर पूर्व डीजीपी उत्तर प्रदेश केएल गुप्ता को जांच कमेटी से हटाने की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया केएल गुप्ता जांच को प्रभावित कर सकते हैं। अवस्थी की इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

अनूप अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके केएल गुप्ता को जांच कमिटी से हटाने की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने केएल गुप्ता की जगह किसी अन्य पूर्व डीजीपी को कमिटी में शामिल करने की मांग की थी। इस मामले में याचिकाकर्ता ने तर्क दिया केएल गुप्ता जांच को प्रभावित कर सकते हैं। याचिकाकर्ता ने कहा था कि पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता ने अपने मीडिया इंटरव्यू में पहले ही पुलिस को क्लीन चिट दे दिया है। ऐसे में निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है। लिहाजा उनकी जगह पर किसी दूसरे को कमिटी में शामिल करना चाहिए। याचिका में पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता के अलावा हाइकोर्ट के पूर्व जज शशिकांत अग्रवाल को भी बदलने की मांग की गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह याचिकाकर्ता को विकास दुबे मुठभेड़ मामले में गठित जांच समिति के सदस्य पूर्व डीजीपी गुप्ता पर आक्षेप लगाने का अवसर नहीं देगा। कोर्ट ने पूर्व डीजीपी पर मीडिया की खबरों पर गौर करते हुए कहा कि विकास दुबे मुठभेड़ मामले में जांच गलत नहीं होगी, क्योंकि जांच समिति में शीर्ष अदालत और हाईकोर्ट के पूर्व जज भी शामिल हैं।

कानपुर के दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने कानपुर में बीती दस जुलाई को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। इस एनकाउंटर को लेकर पुलिस पर सवाल उठाए गए थे और उत्तर प्रदेश में एसआइटी गठित होने के बाद भी मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए यूपी सरकार से दोबारा कमिटी बनाने को कहा था। कमिटी अभी जांच कर रही है। 


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