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Vikas Dubey Case: विकास दुबे का पासपोर्ट अब भी पहेली, SIT को करनी पड़ रही है कड़ी मशक्कत

Vikas Dubey Case बिकरू कांड में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआइटी ने लोगों के बयान दर्ज करने के साथ ही कानपुर पुलिस से मिले दस्तावेजों का अध्ययन शुरू कर है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 09:33 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 06:13 AM (IST)
Vikas Dubey Case: विकास दुबे का पासपोर्ट अब भी पहेली, SIT को करनी पड़ रही है कड़ी मशक्कत
Vikas Dubey Case: विकास दुबे का पासपोर्ट अब भी पहेली, SIT को करनी पड़ रही है कड़ी मशक्कत

लखनऊ, जेएनएन। कानपुर के चौबेपुर में बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस की टीम पर हमला करने के बाद सीओ देवेंद्र मिश्र सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपित विकास दुबे के खिलाफ दस्तावेज जुटाने में स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी रही है। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे का पासपोर्ट अब जांच एजेंसी के लिए बड़ा सिरदर्द बना है। एसआइटी को 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देनी है।

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कानपुर के बिकरू कांड में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एसआइटी ने लोगों के बयान दर्ज करने के साथ ही कानपुर पुलिस से मिले दस्तावेजों का अध्ययन शुरू कर दिया है। कानपुर कांड के मुख्य आरोपित विकास दुबे का पासपोर्ट अब भी एसआइटी के लिए पहेली है। पुलिस को अब तक यह पता नहीं चल सका है कि उसके पास पासपोर्ट था या नहीं।

इसे लेकर एसआइटी ने अब कानपुर व लखनऊ पासपोर्ट आफिस से इस संबंध में जानकारी मांगी है। इसके अलावा कानपुर नगर व कानपुर देहात पुलिस से विकास दुबे व उसके गिरोह के अन्य सदस्यों के नाम आवंटित शस्त्र लाइसेंसों व उनके निरस्तीकरण को लेकर की गई कार्रवाई का ब्योरा भी मांगा है। जांच के लिए कदम बढ़ा रही एसआइटी के लिए विकास दुबे का साम्राज्य पनपने से लेकर पुलिसकॢमयों से उसकी सांठगाठ समेत अन्य बिंदुओं पर सबसे अहम दस्तावेजी साक्ष्य जुटाना होगा। इसके लिए कानपुर के चौबेपुर थाने में तैनात रहे पुलिसकॢमयों के बारे में पड़ताल की जा रही है।

कुख्यात विकास दुबे के नाम से अभी तक पुलिस को कोई पासपोर्ट नहीं मिला है। पुलिस ने लखनऊ के गोमती नगर स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से यह जानकारी मांगी थी। इसके बाद क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने इसकी जांच करवाई। विकास दुबे के वास्तविक नाम, पिता और माता का नाम, पते के आधार पर विकास के नाम से कोई पासपोर्ट नहीं बना है। इसके बाद भी किसी पासपोर्ट पर कोई शक हो तो उसका विवरण भेज सकते हैं।

सरकारी तंत्र में घुसपैठ का शक

दूसरी तरफ विकास दुबे की सरकारी तंत्र में घुसपैठ से एक शक और यह है कि विकास ने फर्जी नाम या पते से कहीं कोई पासपोर्ट न बनवा लिया हो। विकास दुबे के लिए मुखबरी करने वाले बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी पकड़े गए हैं। ऐसे में पासपोर्ट के लिए पुलिस रिपोर्ट लगवाना विकास के लिए मुश्किल काम नहीं है। इस दिशा पर भी पुलिस काम कर रही है।

विकास दुबे ने तीन वर्ष में की 14 देशों की यात्रा

विकास दुबे के सहयोगी जय बाजपेई ने दुबई और थाईलैंड में पेंटहाउस खरीदे थे जिसकी कीमत 30 करोड़ रुपए है। विकास दुबे ने पिछले तीन वर्ष में 14 देशों का यात्रा की।

विकास दुबे की सीडीआर के आधार पर भी एसआइटी उसके संपर्क में रहे पुलिस अधिकारियों व कॢमयों की भूमिका की जांच कर रही है। दूसरी ओर लखनऊ में बापू भवन में चतुर्थ तल के कमरा नंबर 401 में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से साक्ष्य उपलब्ध कराने व अपने बयान दर्ज कराने वालों के पहुंचने का सिलसिला बरकरार है। एसआइटी ने इससे पहले कानपुर के बिकरू गांव में घटनास्थल का निरीक्षण करने के साथ ही अपनी जांच शुरू की थी। तब कई ग्रामीणों से भी एसआइटी ने पूछताछ की थी।  


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