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Lucknow Gram Panchayat Chunav Result 2021: चुनाव में जीती पर कोरोना से जंग हार गईं थीं विजयलक्ष्मी

ग्रामीणों ने बताया कि यह बहुत दुखद है कि वे अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए आज खुद जीवित नहीं हैं। विजयलक्ष्मी पूर्व में भी ग्राम प्रधान रह चुकी थीं। उक्त सीट पर अब चुनाव आयोग के निर्देश पर पुन प्रधान पद पर चुनाव कराने की घोषणा की जाएगी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 11:16 PM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 12:01 AM (IST)
Lucknow Gram Panchayat Chunav Result 2021: चुनाव में जीती पर कोरोना से जंग हार गईं थीं विजयलक्ष्मी
स्वर्गीय विजयलक्ष्मी के घर और उनके समर्थकों के बीच माहौल गमगीन रहा।

लखनऊ, जेएनएन। विकासखंड सरोजनीनगर की ग्राम सभा सराय सहजादी से लोकप्रिय महिला प्रत्याशी विजयलक्ष्मी ने अपने प्रतिद्वंदी को 56 वोटों से पराजित किया, लेकिन विडंबना यह कि वह अपनी जीत जीते जी नहीं देख सकीं। उन्होंने चुनाव में तो जीत दर्ज कर ली, लेकिन कोरोना संक्रमण से वह अपने जीवन की जंग मतगणना के पूर्व ही हार चुकी थीं। चुनाव में जीत हासिल होने के बाद जहां खुशी का माहौल होना चाहिए, वहां स्वर्गीय विजयलक्ष्मी के घर और उनके समर्थकों के बीच माहौल गमगीन रहा।

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ग्रामीणों ने बताया कि यह बहुत दुखद है कि वे अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए आज खुद जीवित नहीं हैं। विजयलक्ष्मी पूर्व में भी ग्राम प्रधान रह चुकी थीं। उक्त सीट पर अब चुनाव आयोग के निर्देश पर पुन: प्रधान पद पर चुनाव कराने की घोषणा की जाएगी। वहीं विकासखंड के ही भदोही ग्राम सभा में प्रधान पद के उम्मीदवार ओमकार मौर्य की नामांकन के बाद मृत्यु हो गई थी। वहां पर भी प्रधान पद का चुनाव कराया जाएगा।

अमिता ने दर्ज की जीत : सरोजनी नगर के ग्राम सभा बेहटा से नवनिर्वाचित महिला प्रधान अमिता पाल ने पंचायत चुनाव में अपने प्रतिद्वंदी को हराकर जीत दर्ज की ।प्रधान पद पर निर्वाचित होने के बाद अमिता पाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बीते कई वर्षों से गांव में कई प्रधान बने लेकिन गांव का विकास कार्य जस का तस है सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए उन्होंने भी कई लोगों की मदद के लिए तत्कालीन प्रधानों से गुहार लगाई लेकिन इस ओर उन्हें निराशा ही हाथ लगी। जब प्रधान जरूरत मंदो को दरकिनार कर अपनों को ही सरकार के लाभकारी योजनाओं का लाभ देकर गरीबों का हक मारते थे तो मन का कचोट कर रह जाता था।

इस बार आरक्षण के चलते पिछड़ी जाति की महिला सीट आरक्षित हुई तो मन में ठान लिया कि गांव की सरकार का मुखिया बनकर गांव के लोगों को उत्थान की ओर ले जाना सरकार की योजनाओं का ग्रामीणों को लाभ दिलाना उनका चुनावी मुद्दा रहा सामाजिक कार्यों से जुड़ी अमिता पाल को गांव के लोगों का साथ मिला और अमिता पाल ने चुनाव में जीत हासिल की उनका मुख्य उद्देश्य गांव के विकास और जरूरतमंद लोगों को सरकारी योजनाएं मुहैया कराना प्राथमिकता रहेगी।


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