बोर्ड का बिगुल : अति लघुत्तरीय और लघुत्तरीय प्रश्न दिलाएंगे आपको 66 फीसद नंबर, एक्सपर्ट से जाने कैसे करें स्कोर
दैनिक जागरण की ओर से आयोजित बोर्ड का बिगुल में समाजशास्त्र के विषय विशेषज्ञ प्रवक्ता रामलाल वर्मा ने परीक्षार्थियों को जानकारी दी।
लखनऊ, जेएनएन। समाजशास्त्र 12वीं के प्रश्नपत्र में अति लघुउत्तरीय और लघुउत्तरीय प्रश्न ही आपको 66 फीसद मार्किंग दिलाएंगे। इसलिए इनकी अच्छे से तैयारी कर लें। बदले हुए पैटर्न में 100 नंबर के पूर्णांक का प्रश्नपत्र होगा। गत वर्ष 27 प्रश्न पूछे गए थे। इस बार 29 पूछे जाएंगे। शनिवार को दैनिक जागरण की ओर से आयोजित 'बोर्ड का बिगुल' में समाजशास्त्र के विषय विशेषज्ञ प्रवक्ता रामलाल वर्मा ने परीक्षार्थियों को जानकारी दी। विषय विशेषज्ञ ने परीक्षार्थियों की हर प्रकार की भ्रांतियां दूर कीं और परीक्षा में सफल एवं टॉपर होने की टिप्स दिए।
Q: इस बार बोर्ड में नए सिलेबस से प्रश्न पूछे जाएंगे अथवा पुराने? (चंदन यादव, अयोध्या)
A: इस बार नए सिलेबस के आधार पर पूरा प्रश्नपत्र होगा। गत वर्ष 27 प्रश्न पूछे गए थे। इस बार 29 प्रश्न होंगे।
Q: दीर्घ उत्तरीय प्रश्न कितने होंगे और कितने शब्दों में लिखे जाएंगे। (अभिषेक राठौर, हुसैनी इंटर कॉलेज, हरदोई)
A: दीर्घ उत्तरीय तीन प्रश्नपत्र होंगे। करीब एक पेज का उत्तर लिखना होगा।
Q:किन इकाइयों से प्रश्न आ सकते हैं। (रामजी, हुसैनी इंटर कॉलेज, हरदोई)
A: कुल सात इकाइयों से 50 फीसद प्रश्न होंगे। इकाई तीन, पांच, छह, सात, 10, 11 और 15 इकाई से प्रश्न तैयार कर लें।
Q: कॉपी को कैसे लिखेंगे? पेज पर लाइन दोनों ओर खीचेंगे अथवा एक ओर (शिवा तिवारी, कक्षा 10)
A: कॉपी में बायीं ओर आप लाइन खींचे। उसके बाद उत्तर लिखें, दोनों ओर लाइन खींचने की आवश्यकता नहीं है।
Q: जाति क्या है? (दीक्षा शुक्ला, श्री राधा कृष्ण राम अजय इंटर कॉलेज, बाराबंकी)
A: जाति एक समाजिक संस्था है। भारतीय समाज में इसका निर्धारण जन्म के आधार पर होता है। भारत में जाति अपरवर्तनीय है।
Q: इस बार का सिलेबस बहुत टफ है। अच्छे अंक आने के लिए कैसे तैयारी करें? (ज्योतिरादित्य शुक्ला, केपी सिंह इंटर कॉलेज, अयोध्या)
A: सिलेबस बहुत आसान है। इससे आप बिल्कुल न घबराएं। अति लघुउत्तरीय और लघुउत्तरीय प्रश्नों पर फोकस करें। यही आपको 66 फीसद तक मार्किंग दिलाएंगे।
Q: जन साख्यिकीय क्या है? (सूरज कनौजिया, श्रीकष्ण मेमोरियल स्कूल, बाराबंकी)
A: यह जनसंख्या से संबंधित विज्ञान है। इसमें आप माल्थस के सिद्धांत को अच्छे से तैयार कर लें।
Q: भूमि हक बंदी अधिनियम क्या है? (गंती मोहन चंद्र बालयोगी, बाराबंकी)
A: ब्रिटिश शासन में जो भूमि जमीदारों की थी आजादी के बाद उस भूमि का काबिज उन्हें बना दिया गया जो उस पर काम करते थे। किसानों को मालिकाना हक देने के लिए हक बंदी अधिनियम बना था।
Q: दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों को कैसे तैयार करें? (सचिन गुप्ता, गुरुनानक इंटर कॉलेज, लखीमपुर खीरी)
A: दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों को अच्छे से समझें। उसके बाद छोटे-छोटे टुकड़ों में उसका उत्तर दें। लिख-लिखकर याद करें।
Q: पीजीटी (पोस्ट ग्र्रेजुएट टीचर) के लिए समाजशास्त्र विषय की तैयारी कैसे करें? (रवींद्र कुमार)
A: नेट और जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) और बीते कई वर्षों के आइएएस और पीसीएस के प्रश्नपत्र उठा लें। उनसे आपको तैयारी में काफी सपोर्ट मिलेगा।
प्रश्नपत्र में प्रश्नों का प्रारूप
- परीक्षा में कुल 29 प्रश्न पूछे जाएंगे। पूर्णांक 100 नंबर का होगा
- बहुविकल्पीय 10 प्रश्न होंगे। प्रत्येक एक अंक का होगा
- अति लघुउत्तरीय 10 प्रश्न होंगे प्रत्येक तीन नंबर का और इनके उत्तर की शब्द सीमा 25 शब्दों की होगी
- लघुउत्तरीय छह प्रश्न होंगे। प्रत्येक छह अंक का होगा और इनके उत्तर की शब्द सीमा 50 होगी
- दीर्घउत्तरीय तीन प्रश्न होंगे। प्रत्येक आठ अंक का होगा और इनके उत्तर की शब्द सीमा 150 होगी।
परीक्षार्थी इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- बोर्ड परीक्षा को फोबिया न बनाएं
- आत्मबल को ऊंचा रखते हुए स्वयं पर विश्वास रखें
- उत्तर टू-द-प्वाइंट लिखें। शब्द सीमा का उल्लंघन न करें
- उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध मॉडल पेपर के आधार पर तैयारी करें
- समाजशास्त्र में पुस्तक और उनके लेखकों के नाम, सिद्धांत और उनके प्रतिवादकों के नाम, अधिनियमों, अनुच्छेदों तथा कुछ महत्वपूर्ण वर्षों की कायदे से तैयारी कर लें।
ऐसे करें कम समय में अच्छी तैयारी
जो परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षा के लिए अच्छे से तैयारी नहीं कर सके हैं। वह बचे हुए समय में सरल टॉपिक्स पर अपना फोकस करें। इतने मात्र से ही वह अच्छे नंबर पा सकते हैं। उन्हें भारतीय समाज का एक परिचय, सामाजिक संस्थाएं, सामाजिक असमानता और बहिष्कार का ढांचा, सांस्कृतिक भिन्नताओं की चुनौतियां, सांस्कृतिक परिवर्तन, भारतीय लोक तंत्र की कहानी, ग्र्रामीण समाज में परिवर्तन और सामाजिक आंदोलन आदि की तैयारी कर लें।