अयोध्या में सरयू जल से वजू को लेकर विवाद राजूदास की आत्मदाह की चेतावनी से टला
राष्ट्रीय एकता व मंदिर निर्माण के लिए राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा सरयू जल से वजू के बाद हजरत नूह की मजार पर आयत-ए-करीमा का पाठ करने के इरादे पर पानी फिर गया।
फैजाबाद-अयोध्या (जेएनएन)। राष्ट्रीय एकता व मंदिर निर्माण के लिए राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा सरयू जल से वजू के बाद हजरत नूह की मजार पर आयत-ए-करीमा का पाठ करने के इरादे पर पानी फिर गया। जलसा-ए-अमन कार्यक्रम के तहत विवाद के कारण वजू का कार्यक्रम टालना पड़ा और सिर्फ कुरानख्वानी से ही संतोष करना पड़ा। इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने जलसा-ए-अमन को खिताब किया और वजू का विरोध करने वालों की आलोचना की।
जलसा-ए-अमन कार्यक्रम के तहत हजरत नूह की मजार पर आयत-ए-करीमा के पाठ के साथ सरयू जल से वजू भी किया जाना था लेकिन, हनुमानगढ़ी से जुड़े साधु राजूदास ने कार्यक्रम के पूर्व ही एलान कर दिया कि मुस्लिमों ने सरयू जल से वजू किया तो वे आत्मदाह कर लेंगे। परिणाम रहा कि सरयू जल से वजू रोकने के लिए तय समय पर सरयू के सहस्त्रधाराघाट पर पुलिस का कड़ा पहरा लगा दिया गया। हालांकि जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने वजू रोकने की किसी बंदिश से इन्कार किया तो कार्यक्रम के सूत्रधार मुरारीदास ने कहा, मुस्लिम मंच से जुड़े लोग यहां अमन के लिए एकत्रित हुए थे और उन्होंने ऐसी कोई पहल करने से परहेज किया, जिससे अमन के प्रयासों में किसी तरह का गतिरोध पैदा होता। इस बीच मुस्लिम महिलाओं के एक जत्थे ने सरयू के संत तुलसीदास घाट पर वजू किया।
वजू को लेकर हुए विवाद पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि जिन लोगों को धर्म के बारे में पूरा ज्ञान नहीं है, वे अपनी दुकान चलाने के लिए दूसरे के धर्म की निंदा कर रहे हैं। जबकि अपने धर्म को ठीक से जानने और पालन करने वाला दूसरे धर्म की उपेक्षा नहीं कर सकता।