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हेरिटेज ट्री के जरिये पर्यटकों को लुभाएगी उत्तर प्रदेश सरकार, कॉफी टेबल बुक में होगी विस्तृत जानकारी

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब इसके जरिये पर्यटकों को लुभाने की योजना बना रही है। हेरिटेज ट्री घोषित करने का काम उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड को सौंपा गया है। सर्वे किया जा रहा है। एक कॉफी टेबल बुक भी तैयार हो रही है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 10:13 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 06:08 AM (IST)
हेरिटेज ट्री के जरिये पर्यटकों को लुभाएगी उत्तर प्रदेश सरकार, कॉफी टेबल बुक में होगी विस्तृत जानकारी
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब हेरिटेज ट्री के जरिये पर्यटकों को लुभाने की योजना बना रही है।

लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। 100 वर्ष से अधिक उम्र के हेरिटेज ट्री के तलाश में लगी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब इसके जरिये पर्यटकों को लुभाने की योजना बना रही है। हेरिटेज ट्री घोषित करने का काम उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड को सौंपा गया है। सर्वे किया जा रहा है। एक कॉफी टेबल बुक भी तैयार हो रही है। इसमें हेरिटेज ट्री के बारे में एक-एक जानकारी दी जाएगी। हेरिटेज ट्री घोषित होने के बाद उसके आस-पास के क्षेत्र को पर्यटन के लिहाज से विकसित भी किया जाएगा।

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हेरिटेज उन वृक्षों को घोषित किया जाएगा जो पौराणिक घटनाओं, ऐतिहासिक अवसरों, महत्वपूर्ण घटनाओं, अति विशिष्ट व्यक्तियों, स्मारकों, धार्मिक परंपराओं व मान्यताओं से जुड़े हों। सदियों से पवित्र वृक्ष के रूप में उसकी पूजा की जाती हो। वृक्ष विलुप्त हो रही प्रजाति का हो या पहली बार प्रजाति पहचानी गई हो। वृक्ष सामुदायिक भूमि पर स्थित होना चाहिए। अब तक 61 जिलों से करीब एक हजार वृक्षों के प्रस्ताव आ चुके हैं। इनका परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है। इसमें कई विशेषज्ञों को शामिल किया गया है।

हेरिटेज ट्री घोषित होने की कतार में जो वृक्ष खड़े हैं उनमें सीतापुर के नैमिषारण्य में बरगद के पेड़ है जिसके बारे में मान्यता है कि यह महर्षि वेद व्यास के समय का है। प्रयागराज के झूंसी में गंगा के किनारे पारिजात का वृक्ष है। यह वृक्ष करीब दो हजार साल पहले का बताया जा रहा है। उन्नाव के जानकीकुंड में रामायण काल का बरगद का पेड़ है। बाराबंकी का पारिजात वृक्ष व लखनऊ के माल क्षेत्र में स्थित हरिबंस बाबा के नाम से प्रसिद्ध बरगद का वृक्ष है। इसके अलावा कई ऐसे वृक्ष हैं जो महाभारत या रामायण काल के बताये जा रहे हैं।

विशेषज्ञों की टीम जिलों से आए प्रस्तावों का परीक्षण कर रही है। इसके बाद सरकार नोटिफिकेशन कर इन वृक्षों को हेरिटेज घोषित करेगी। साथ ही प्रदेश के करीब 120 प्रमुख हेरिटेज वृक्षों को लेकर कॉफी टेबल बुक तैयार की जाएगी। इसमें प्रमुख शहरों से इन स्थानों तक पहुंचने के लिए रूट चार्ट व जीपीएस लोकेशन भी दी जाएगी।

उत्तर प्रदेश राज्य जैवविविधता बोर्ड के सचिव पवन कुमार शर्मा ने बताया कि हेरिटेज वृक्षों की खोज का काम बहुुत तेजी से चल रहा है। विशेषज्ञों की टीम इनका परीक्षण कर रही है। लखनऊ विश्वविद्यालय को भी इसमें सहयोग लिया जा रहा है। हेरिटेज ट्री घोषित करने के साथ ही उनकी लोककथाएं, धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी। कॉफी टेबल बुक ऐसी होगी जो पर्यटकों को बहुत लुभाएगी। नवंबर अंत तक काम पूरा होने की उम्मीद है।

उत्तर प्रदेश में 100 वर्ष से अधिक उम्र के 'हेरिटेज ट्री' तलाशने का काम किया जा रहा है। अब तक सैकड़ों की संख्या में विरासत वृक्षों की खोज हो चुकी है। योगी सरकार ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और विशिष्टजन से जुड़े तथा धार्मिक परंपराओं व मान्यताओं से जुड़े विलुप्त हो रहे एवं 100 वर्ष से अधिक आयु के वृक्षों को चिह्नित कर उन्हें हेरिटेज ट्री के रूप में संरक्षित करने की योजना पर काम कर रही है।


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