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योगी सरकार का भ्रष्टाचार पर एक और वार, घोटाले में लिप्त तीन ARTO सस्पेंड, दो अन्य पर भी कार्रवाई

Action On Corruption उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 11:03 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 08:30 AM (IST)
योगी सरकार का भ्रष्टाचार पर एक और वार, घोटाले में लिप्त तीन ARTO सस्पेंड, दो अन्य पर भी कार्रवाई
योगी सरकार का भ्रष्टाचार पर एक और वार, घोटाले में लिप्त तीन ARTO सस्पेंड, दो अन्य पर भी कार्रवाई

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। यूपी सरकार ने मंगलवार को अनियमितता और शासकीय कार्य में लापरवाही के आरोप में तीन सहायक संभागीय अधिकारियों (एआरटीओ) को निलंबित कर दिया। मध्य प्रदेश के केनरा बैंक में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले की सीबीआई जांच में इन तीनों की भी भूमिका पाई गई। वहीं, दूसरी ओर सरकारी वाहन की सीरीज को प्राइवेट लोगों को आवंटित किए जाने के मामले में दो एआरटीओ के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की गई है।

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उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने बताया कि यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत की गई है। उन्होंने बताया कि गड़बड़ी करने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। सीबीआई जबलपुर में केनरा बैंक में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच कर रही है। जांच में पाया गया कि वहां बैंक मैनेजर ने फर्जी दस्तावेजों पर करीब 50 से अधिक लोगों को ट्रक जैसे बड़े वाहनों पर लोन स्वीकृत कर दिया। इनमें से करीब 12 वाहन यूपी में पंजीकृत हुए। इन वाहनों को बनाने वाली कंपनी ने सीबीआई को बताया कि जिन इंजन व चेसिस नंबरों पर यह वाहन पंजीकृत किए गए उन वाहनों को कंपनी ने बनाया ही नहीं है।

जांच में तीन एआरटीओ की भूमिका संदिग्ध पाई गई। इन्होंने वाहनों की जांच किए बगैर इनका पंजीकरण कर दिया। सीबीआइ की जांच में दोषी पाए गए अरुण कुमार राय, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) वाराणसी, धर्मवीर यादव सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) औरैया व अवधेश कुमार सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी मऊ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह मामला उस समय का है जब यह तीनों एआरटीओ सोनभद्र में तैनात थे।

वहीं, झांसी में सरकारी वाहनों के लिए जारी होने वाली बीजी नंबर की सीरीज को प्राइवेट नंबर के रूप में जारी करने के लिए विवेक कुमार शुक्ला सहायक संभागीय अधिकारी को मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। इसी प्रकार सत्येंद्र कुमार सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासनिक) झांसी के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की संस्तुति की गई है। दोनों अफसरों ने इस सीरीज के 9700 वाहन आम लोगों को आवंटित कर दिए।


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