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कोरोना विदा होते ही 'गांव' लौटेंगे गिरमिटिया, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने तैयार की पोस्ट कोविड पॉलिसी

पर्यटन विभाग अब इस इंतजार में है कि कोरोना जल्दी से विदा हो क्योंकि अप्रवासी भारतीयों को उत्तर प्रदेश खींच लाने का रास्ता तैयार कर लिया गया है। दशकों पहले गिरमिटिया के रूप में दक्षिण अफ्रीका गए देशवासियों की मौजूदा पीढ़ी से शुरुआत की गई है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 30 Mar 2021 12:15 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 07:47 AM (IST)
कोरोना विदा होते ही 'गांव' लौटेंगे गिरमिटिया, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने तैयार की पोस्ट कोविड पॉलिसी
दक्षिण अफ्रीका गए अप्रवासी भारतीयों को उत्तर प्रदेश लाने के लिए पर्यटन विभाग ने पोस्ट कोविड पॉलिसी तैयार की है।

लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। एक वर्ष से वैश्विक महामारी कोरोना की गिरफ्त में बेदम हो चुके विदेशी पर्यटन को अब भावनात्मक संजीवनी देने की तैयारी है। पर्यटन विभाग अब इस इंतजार में है कि कोरोना जल्दी से विदा हो, क्योंकि अप्रवासी भारतीयों को उत्तर प्रदेश खींच लाने का रास्ता तैयार कर लिया गया है। दशकों पहले गिरमिटिया के रूप में दक्षिण अफ्रीका गए देशवासियों की मौजूदा पीढ़ी से शुरुआत की गई है। अपनी माटी के प्रति उनकी भावनाओं को जगाया गया है। वह कोरोना का प्रभाव खत्म होते ही अपने 'गांव' आकर 'जड़ों' को जानने-पहचानने के लिए आतुर हैं।

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धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लगातार सजाया-संवारा। यही वजह है कि लगभग एक वर्ष बाद जब कोरोना का प्रभाव कुछ कम हुआ तो मथुरा, वृंदावन, अयोध्या व काशी आदि स्थलों पर पर्यटकों ने फिर तेजी से रुख किया। इधर, हर विधानसभा क्षेत्र में एक पर्यटन स्थल को विकसित कर सरकार घरेलू पर्यटन के लिए संभावनाओं को और बढ़ाने में जुटी है। इसके इतर, पर्यटन विभाग का प्रयास है कि विदेशी पर्यटन को भी धीरे-धीरे बढ़ाया जाए।

निस्संदेह उत्तर प्रदेश के पास ऐतिहासिक धरोहरों का भरपूर आकर्षण है। दुनिया भर से सैलानी इन्हें देखने आते हैं। इसके अलावा पर्यटन विभाग वर्तमान चुनौतियों को देखते हुए नए प्रयास कर रहा है। देश में विदेशी पर्यटन को बढ़ाने के लिए सबसे ज्यादा आस पर्यटन विभाग को भारतीय मूल के लोगों से ही है। 'पोस्ट कोविड पॉलिसी' यानी कोरोना के बाद की इसी नीति पर काम शुरू कर दिया गया है।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका में बड़ी संख्या में अप्रवासी भारतीय रहते हैं। आजादी के पहले जो मजदूर अनुबंध पर गिरमिटिया के रूप में वहां गए, उनकी पीढ़ियां वहीं की हो गईं। मौजूदा पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए विभिन्न टूर एंड ट्रैवल्स और संस्थाओं को जोड़ा गया। पिछले दिनों दक्षिण अफ्रीका में भारतीय दूतावास के जरिये उत्तर प्रदेश की संस्कृति, खानपान, रहन-सहन, महत्वपूर्ण स्थल आदि से संबंधित फिल्म उन्हें दिखाई गई।

विदेशी पर्यटन को फिर बढ़ाने की कार्ययोजना : प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि इससे वह काफी रोमांचित हुए और अब काफी तादाद में वे अपने पुरखों की धरती, संस्कृति आदि को देखना-समझना चाहते हैं। उनकी सहमति के आधार पर उनके टूर प्लान तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि त्रिनिदाद, टोबेको, मारीशस, फिजी व मालद्वीव सहित अफ्रीका के कई देशों के अप्रवासी भारतीयों के लिए यह कार्ययोजना बन रही है। इसके बाद एमओयू किया जाएगा, जिससे कोरोना संक्रमण खत्म होते ही सैलानियों का आना शुरू हो और विदेशी पर्यटन फिर बढ़े।

बौद्ध अनुयायी भी आएंगे यूपी : मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि गिरमिटिया के अलावा विभाग की नजर उन देशों पर भी है, जहां भगवान बुद्ध के अनुयायी बहुतायत में हैं। चूंकि, उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध से जुड़े धार्मिक-ऐतिहासिक स्थल काफी हैं, इसलिए वहां के बाशिंदों को फिल्म और वेबिनार के जरिये जानकारी दी जाएगी। इसके लिए भी वहां के टूर ऑपरेटरों से बात चल रही है। उन्हें यहां लाने के लिए भी पूरी कार्ययोजना बनाई जाएगी, करार भी किया जाएगा।


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