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उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं में अब बार-बार नहीं करना पड़ेगा आवेदन

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं में बैठने वाले अभ्यर्थियों को अब हर परीक्षा के लिए नए सिरे से आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 11 Mar 2020 01:13 PM (IST)Updated: Wed, 11 Mar 2020 01:13 PM (IST)
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं में अब बार-बार नहीं करना पड़ेगा आवेदन
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं में अब बार-बार नहीं करना पड़ेगा आवेदन

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं में बैठने वाले अभ्यर्थियों को अब हर परीक्षा के लिए नए सिरे से आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। एक महत्वपूर्ण फैसला करते हुए आयोग अब अभ्यर्थियों को एकबारगी पंजीकरण की सुविधा देने जा रहा है। वहीं छोटी भर्तियों में भी अभ्यर्थियों की बड़ी संख्या को देखते हुए आयोग ने भविष्य में होने वाले चयन के लिए द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली को अपनाने का निर्णय किया है। इसके लिए आयोग विभिन्न विभागों में समूह 'ग' के सभी प्रकार के पदों के लिए प्रारंभिक अर्हकारी परीक्षा (प्रिलिमिनरी एलिजिबिलिटी टेस्ट/पीईटी) आयोजित करेगा।

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प्रारंभिक परीक्षा के आधार पर शार्टलिस्ट किये गए अभ्यर्थियों के लिए द्वितीय स्तर पर मुख्य परीक्षा, कौशल परीक्षा व शारीरिक परीक्षा आदि का आयोजन विभागीय आवश्यकताओं व संबंधित सेवा नियमावली के अनुसार किया जाएगा। आयोग के अध्यक्ष प्रवीर कुमार की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई आयोग की असाधारण बैठक में यह फैसले किए गए।

एकबारगी पंजीकरण में भरने होंगे आधार संख्या के अंतिम आठ अंक

  • एकबारगी पंजीकरण के लिए आवेदक को अपने आधार कार्ड संख्या के अंतिम आठ अंकों के साथ व्यक्तिगत विवरण आयोग की वेबसाइट पर भरना होगा। साथ ही, शैक्षिक योग्यता, श्रेणी व अर्हता आदि से संबंधित प्रमाणपत्रों को अपलोड करना होगा। आवेदक उच्चतर शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करने पर अपनी यूजर प्रोफाइल को समय-समय पर अपडेट कर सकेगा।
  • एकबारगी पंजीकरण हो जाने व आधार कार्ड संख्या के साथ लिंक हो जाने के बाद मूलभूत विवरण जैसे कि नाम, पिता का नाम, जाति व जन्मतिथि, श्रेणी आदि में संशोधन नहीं हो सकेगा।
  • आवेदक द्वारा अपलोड किये गए सभी प्रमाणपत्र उसके डिजिटल ई-लॉकर में उपलब्ध रहेंगे। आयोग उन्हें देख और डाउनलोड कर सकेगा।
  • अपलोड किये गए प्रमाणपत्रों का संबंधित शैक्षणिक बोर्ड या विश्वविद्यालय से ऑनलाइन सत्यापन कराया जाएगा।
  • जिन प्रमाणपत्रों का ऑनलाइन सत्यापन संभव नहीं है, उनका ऑफलाइन सत्यापन मुख्य परीक्षा या साक्षात्कार के समय या परीक्षाफल घोषित होने के बाद कराया जाएगा।

साल में दो बार होगी पीईटी, तीन साल तक मान्य रहेगा स्कोर

  • विभिन्न विभागों में भर्ती के लिए साल में दो बार प्रारंभिक अर्हकारी परीक्षा/पीईटी करायी जाएगी।
  • पीईटी के तहत अभ्यर्थी के सामान्य ज्ञान व समसामयिक विषय, हिंदी भाषा ज्ञान, तार्किक क्षमता व हाईस्कूल स्तर की सामान्य गणित का परीक्षण किया जाएगा।
  • पीईटी में आवेदकों को परसेंटाइल के आधार पर स्कोर प्रदान किया जाएगा।
  • अभ्यर्थी द्वारा पीईटी में प्राप्त स्कोर अगले तीन साल तक वैध रहेगा।
  • अभ्यर्थी के पास विकल्प होगा कि वह पीईटी में प्राप्त स्कोर को सुधारने के लिए फिर से परीक्षा में शामिल हो। इस प्रकार के अवसरों के लिए कोई अधिकतम सीमा नहीं होगी।
  • अगले स्तर की मुख्य परीक्षा/कौशल परीक्षा/शारीरिक परीक्षा के लिए शार्टलिस्ट किए जाने के लिए अभ्यर्थी के तीन वर्ष में प्रारंभिक अर्हकारी परीक्षाओं में प्राप्त उच्चतम स्कोर को मान्यता दी जाएगी।
  • अभ्यर्थी की सहमति से उसका विवरण तथा उसके द्वारा प्रारंभिक अर्हकारी परीक्षा में प्राप्त स्कोर को निजी क्षेत्र के सेवायोजकों को भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था होगी ताकि उसे निजी क्षेत्र में सेवायोजन के अवसर सुलभ रहें।

पीईटी में प्राप्त स्कोर के आधार पर होंगे शार्टलिस्ट

मुख्य परीक्षा का आयोजन केवल पीईटी में प्राप्त स्कोर के आधार पर शार्टलिस्ट किये गए अभ्यर्थियों के लिए ही किया जाएगा। किसी भी विज्ञापित पद के लिए होने वाली मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों की शार्टलिस्टिंग पीईटी में प्राप्त परसेंटाइल स्कोर के निर्धारित कट ऑफ के आधार पर या विज्ञापित पदों की संख्या के 15 गुना आवेदकों की पीईटी में प्राप्त परसेंटाइल स्कोर के अवरोही क्रम में तैयार की गई सूची के आधार पर की जा सकती है।

  • मुख्य परीक्षा के लिए विषय/ कोर्स का निर्धारण संबंधित विभाग के परामर्श से और शासन कीमंजूरी से किया जाएगा।
  • इन परीक्षाओं का आयोजन ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में राजधानी लखनऊ या चयनित मंडल मुख्यालयों पर किया जाएगा।
  • जिन पदों के लिए किन्हीं विशिष्ट योग्यताओं/कौशल जैसे टाइपिंग, शॉर्ट हैंड व ड्राइविंग आदि की आवश्यकता होगी, उनके लिए आयोग परीक्षाएं आयोजित कराएगा। कौशल/ शारीरिक परीक्षाओं के लिए भी अभ्यर्थियों की शार्टलिस्टिंग पीईटी में प्राप्त परसेंटाइल स्कोर के आधार पर की जाएगी।
  • जिन पदों के लिए शारीरिक क्षमताओं जैसे दौड़, साइकिल चालन व अन्य शारीरिक मापदंडों के आकलन की जरूरत होगी, उनके लिए संबंधित विशेषज्ञों/चिकित्सकों के सहयोग से प्रतियोगिताओं/परीक्षणों का आयोजन आयोग करेगा।
  • जिन पदों की सेवा नियमावलियों में विभिन्न पाठ्येतर योग्यताओं जैसे राष्ट्रीय सेवा योजना, राष्ट्रीय कैडेट कोर, खेल-कूद या अर्हकारी परीक्षाओं (हाईस्कूल, इंटरमीडिएट आदि) में प्राप्त अंकों को निर्धारित वेटेज के अनुसार शामिल किया जाना अपेक्षित है, उन पदों के लिए पाठ्येतर योग्यताओं के अंकों को नियमानुसार मुख्य परीक्षा में प्राप्त अंकों के साथ जोड़कर अंतिम मेरिट लिस्ट/चयन सूची बनायी जाएगी।

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