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लखनऊ में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम चलाएगा आवास विकास परिषद, इन्हें मिलेगी प्राथमिकता...

उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के निदेशक मंडल ने राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर क्षेत्र में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कांप्लेक्स नीति के तहत आवासीय योजना संचालित करने का फैसला लिया है। इसका किराया 4000 रुपये प्रतिमाह निर्धारित किया जाएगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 11:51 PM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 11:51 PM (IST)
लखनऊ में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम चलाएगा आवास विकास परिषद, इन्हें मिलेगी प्राथमिकता...
लखनऊ में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम चलाएगा आवास विकास परिषद।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के निदेशक मंडल ने राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर क्षेत्र में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कांप्लेक्स नीति के तहत आवासीय योजना संचालित करने का फैसला लिया है। गुरुवार को हुई बैठक में निदेशक मंडल ने अयोध्या में 1193.99 एकड़ क्षेत्रफल में भूमि विकास एवं गृह स्थान आवासीय योजना संचालित करने और अयोध्या शहर के समग्र विकास की आर्किटेक्चरल प्लानिंग के लिए आर्किटेक्ट और कंसलटेंट की नियुक्ति के पूर्व अनुमोदित प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई।

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आवास विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय हुआ कि आवास विकास परिषद राजधानी की इंदिरा नगर योजना के ए-ब्लॉक और मुंशी पुलिया के निकट भूमि पर अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम संचालित करेगा। इसके तहत आवासीय इकाइयों के लिए वर्तमान बाजार दर को आधार मानते हुए अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग स्कीम की गाइडलाइंस के आधार पर 4000 रुपये प्रतिमाह किराया निर्धारित किया जाएगा। महिला कामगारों को इस योजना में विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। योजना के संचालन के लिए अनुभवी बाहरी एजेंसी को अनुबंधित करने के बारे में भी विचार किया गया।

निदेशक मंडल ने राजधानी के मोहनलालगंज क्षेत्र में नई जेल रोड पर लैंड पूलिंग पर आधारित भूमि विकास एवं गृह स्थान योजना को संचालित करने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई। इस आवासीय योजना के तहत 265.324 एकड़ भूमि का अधिग्रहण लैंड पूलिंग के तहत प्रस्तावित है। लखनऊ में परिषद की अवध विहार योजना में 20 एकड़ क्षेत्रफल में बनाए गए अवध शिल्पग्राम के संचालन का जिम्मा उत्तर प्रदेश हस्तशिल्प विपणन विकास निगम लिमिटेड को पहले 20 वर्ष और फिर अगले पांच वर्षों के लिए देने का प्रस्ताव भी अनुमोदित किया गया।

परिषद की योजनाओं में बाजार की मांग के अनुरूप सर्वेक्षण के बाद संपत्तियों के नियोजन और उनकी बिक्री के लिए कंसल्टेंट/ट्रांजैक्शन एडवाइजर नियुक्त करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया। गाजियाबाद में वसुंधरा योजना के सेक्टर-7 और लखनऊ की वृंदावन योजना की संपत्तियों की बिक्री के संबंध में कंसल्टेंट की सेवाएं ली जाएंगी।

रिटायर्ड अभियंताओं के खिलाफ कार्यवाही का फैसला : निदेशक मंडल ने सक्षम स्तर से मंजूरी लिए बिना अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम कराने के मामले में कानपुर निर्माण खंड-17 में तैनात रहे तत्कालीन अधिशासी अभियंता आरपी गुप्ता (अब रिटायर्ड) के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने का फैसला लिया है। वहीं गाजियाबाद की सिद्धार्थ विहार योजना में मिट्टी खनन/चोरी के मामले में गाजियाबाद में तैनात रहे तत्कालीन अवर अभियंता अजय कुमार अग्निहोत्री और सहायक अभियंता सतीश कुमार मनचंदा (दोनों सेवानिवृत्त) की पेंशन का 50 प्रतिशत हिस्सा जब्त करने का भी निर्णय किया है।

इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर

  • मुरादाबाद की मझोला योजना संख्या-4, भाग-2 (विस्तार) में नाले के निर्माण के लिए भूमि खरीदने का प्रस्ताव मंजूर।
  • सहारनपुर में शाकुंभरी योजना में इंटेलिजेंस ब्यूरो को आवंटित भूखंड पर ब्याज व विलंब शुल्क माफ करने का निर्णय।
  • परिषद की योजनाओं में भूमि के समायोजन के बारे में अधीक्षण अभियंता की संस्तुति अनिवार्य होगी।
  • आसुधार शुल्क की वसूली में एकरूपता के लिए प्रस्ताव मंजूर।
  • अनावासीय संपत्तियों के आरक्षित मूल्य से अधिक निर्विवाद बोली लगने पर शासनादेश के अनुसार स्वीकृति।
  • परिषद की योजनाओं में भवनों/भूखंडों से लगी अतिरिक्त भूमि को सार्वजनिक नीलामी के जरिये निस्तारित करने का प्रस्ताव मंजूर।

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