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उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने सृजन का सम्मान कर बढ़ाया मान, डा. पांडेय शशिभूषण 'शीतांशु' को भारत-भारती सम्मान

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के समारोह में रविवार को देशभर से चयनित साहित्यकारों को विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सम्मानित कर उनका मान बढ़ाया। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति और विरासत को लेकर चलने वाली भाषा हिंदी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 12:08 AM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 06:30 AM (IST)
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने सृजन का सम्मान कर बढ़ाया मान, डा. पांडेय शशिभूषण 'शीतांशु' को भारत-भारती सम्मान
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान में साहित्यकारों को विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सम्मानित कर उनका मान बढ़ाया।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के समारोह में रविवार को देशभर से चयनित साहित्यकारों को विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सम्मानित कर उनका मान बढ़ाया। उन्होंने कार्यकारी अध्यक्ष डा. सदानन्द प्रसाद गुप्त, निदेशक पवन कुमार और प्रमुख सचिव भाषा जितेंद्र कुमार की मौजूदगी में आठ लाख रुपये के भारत भारती सम्मान से अमृतसर के साहित्यकार डा. पांडेय शशिभूषण 'शीतांशु' को अलंकृत किया।

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इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमारी संस्कृति और विरासत को लेकर चलने वाली भाषा हिंदी है, जिसमें अनेक ऐसे शब्द हैं, जो दुनिया की अन्य भाषाओं में नहीं मिलते। साहित्यकारों के सानिध्य में जो आनंद मिलता है, उसे कोई कवि ही गा सकता है। समारोह का संचालन संस्थान की प्रधान संपादक डा. अमिता दुबे ने किया। साहित्यकारों के अलावा संस्थान की तरफ से चिंतामणि सिंह, सीमा मिश्रा, विनोद और श्याम सक्सेना समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे।

इनका भी हुआ अलंकरण : लोहिया साहित्य सम्मान डा. रामकठिन सिंह, महात्मा गांधी साहित्य सम्मान बिहार के डा. महेंद्र मधुकर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान भोपाल के डा. देवेंद्र दीपक, अवंती बाई साहित्य सम्मान नोएडा की डा. सीतेश आलोक और राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन सम्मान गुजरात प्रांतीय राष्ट्रभाषा प्रचार समिति को यह सम्मान दिया गया। (सभी पुरस्कारों की राशि पांच लाख रुपये)

साहित्य भूषण सम्मान : दो लाख 50 हजार रुपये

 धीरेंद्र वर्मा, लखनऊ : साहित्य का संस्कार पिता और कालजयी रचनाकार भगवती चरण वर्मा से विरासत में मिला। नेशनल बुक ट्रस्ट की अनेक पुस्तकों का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद किया है। आकाशवाणी और दूरदर्शन के लिए कहानियों, नाटक और धारावाहिकों का लेखन किया। किस्सा प्रीतम पांडे का, नई दिशा, समय चक्र, आस्था के स्वर, राजघराना, स्वप्न ²ष्टि, स्मृति पथ और लखनऊ से लाहौर प्रकाशित कृतियां हैं।

डा. मंजु शुक्ल, लखनऊ : कविता, कहानी, उपन्यास, निबंध, संदर्भ पुस्तकें, समालोचना, यात्रा आदि विधाओं में अब तक 26 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

बीएल गौड़, अलीगढ़ : रेलवे में काम के साथ-साथ हिंदी साहित्य सेवा की। कविता, कहानी, लेख, नाटक व रोजगारपरक पुस्तकें भी लिखी हैं।

डा. सुधाकर मिश्र, भदोही : खंडकाव्य, काव्य संग्रह, गीत संग्रह, आलोचना के साथ ही व्याकरण संबंधी कई किताबें प्रकाशित हैं।

डा. तपेश्वरनाथ, बिहार : गद्य-पद्य की कई पुस्तकों का प्रणयन किया है, जिनमें निबंध, संस्मरण, सामयिक आलेख, काव्य शास्त्र, समीक्षा आदि विधाएं समाहित हैं।

दयानंद जड़िया अबोध, लखनऊ : भारतीय डाक विभाग से उप डाकपाल के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद स्वतंत्र रूप से साहित्य सेवा में संलग्न हैं।

डा. चंद्रपाल शर्मा, बुलंदशहर : विगत 50 वर्षों से निरंतर सृजनशील रहते हुए भारतीय संस्कृति व रामकाव्य पर सतत चिंतन, मनन व लेखन कर रहे हैं।

डा. ओम प्रकाश शुक्ल, कन्नौज : हिंदी एवं अवधी में समान रूप से सृजनशील रहते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी व अवधी के गौरव के संवर्धन एवं प्रचार कार्य में संलग्न हैं।

डा. शशि गोयल, आगरा : उपन्यास, कहानी, जीवनी, आलोचना, व्यंग्य, कविता एवं बाल साहित्य आदि सभी विधाओं में 1959 से निरंतर सृजनशील हैं।

रामकरण मिश्र, बहराइच : नाटक, गीत, खंडकाव्य, गेयकथा, मुक्तक, गजल आदि लिखे हैं।

केशव प्रसाद वाजपेयी, रायबरेली : कविता, गीत, आलोचना, खंडकाव्य, जीवनी आदि विधाओं में लेखनी चलाई है।

डा. सुशील कुमार पांडेय, गोरखपुर : खंडकाव्य, महाकाव्य, दोहा संग्रह, निबंध संग्रह आदि प्रकाशित हैं।

डा. हरिमोहन, हाथरस : कविता संग्रह, उपन्यास, कहानी संग्रह, पर्यटन एवं संस्कृति विषय पर किताबें प्रकाशित हैं।

डा. त्रिभुवननाथ शुक्ल, प्रयागराज : अध्यापन के साथ-साथ साहित्य का सृजन करते रहे।

शिवाकांत मिश्र, गोंडा : कविता संग्रह, नवगीत संग्रह और खंड काव्य प्रकाशित।

हरिलाल मिलन, प्रतापगढ़ : खंडकाव्य, गजल, कहानी, उपन्यास, दोहे और गीत आपकी प्रिय विधाएं हैं।

सतीश आर्य, गोंडा : काव्य मंचों के सशक्त हस्ताक्षर हैं। चार कृतियां प्रकाशित हैं।

डा. अरविंद कुमार राम, बलिया : भारतीय संस्कृति और संस्कारों को प्रतिष्ठित करने वाले चरित्रों पर कलम चलाई है।

मूसा खान अशांत, बाराबंकी : उपन्यास, कहानी, गजल और काव्य संग्रह प्रकाशित।, सुधीर विद्यार्थी, बरेली

इन्हें भी किया गया सम्मानित

  • लोक भूषण सम्मान वाराणसी के डा. जयप्रकाश मिश्र को।
  • कला भूषण सम्मान कानपुर के सुशील कुमार सिंह को।
  • विद्या भूषण सम्मान गोरखपुर के डा. गिरीश्वर मिश्र को।
  • विज्ञान भूषण सम्मान राजस्थान के डा. दुर्गादत्त ओझा को।
  • पत्रकारिता भूषण सम्मान दिल्ली के रामबहादुर राय को।
  • प्रवासी भारतीय हिंदी भूषण सम्मान कानपुर की डा. पुष्पिता अवस्थी को।
  • हिंदी विदेश प्रसार सम्मान हरियाणा की रेखा राजवंशी को।
  • बाल साहित्य भारती सम्मान मुरादाबाद के राकेश चक्र और हरियाणा के घमंडी लाल अग्रवाल को।
  • मधुलिमये साहित्य सम्मान मध्य प्रदेश के डा. दिलीप सिंह को।
  • पं. श्रीनारायण चतुर्वेदी साहित्य सम्मान गाजियाबाद के सुभाष चंदर को।
  • विधि भूषण सम्मान दिल्ली की संतोष खन्ना को।
  • सौहार्द सम्मान असम की रुनू शर्मा बरुवा, ओडिशा के डा. लक्ष्मीधर दाश, लखनऊ के डा. अनीस अंसारी, कर्नाटक के डा. धरणेंद्र कुरकुरी, जम्मू के महाराज कृष्ण संतोषी, गुजरात के डा. जशभाई नारणभाई पटेल, जम्मू कश्मीर के डा. भारत भूषण शर्मा, चेन्नई के डा. पीआर वासुदेवन, हैदराबाद की डा. सुमन लता को, पंजाब के राकेश प्रेम, पुणे के डा. केशव सिंह, तिरुवनंतपुरम् के डा. डी तंकप्पन नायर, प्रयागराज के डा. हरिदत्त शर्मा और कानपुर के सुंदरदास को। (प्रत्येक सम्मान की राशि : दो लाख 50 हजार रुपये)

एक लाख रुपये का पंडित मदन मोहन मालवीय विश्वविद्यालयस्तरीय सम्मान : आजमगढ़ की डा. गीता सिंह और लखनऊ के डा. रामकृष्ण।


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